Rajasthan News: राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पछाड़कर बीजेपी ने बहुमत से सरकार बना ली है. लेकिन राजस्थान का एक ऐसा क्षेत्र है जहां बीजेपी और कांग्रेस के गठबंधन है और आज भी चल रही है. सरकार भी ऐसे क्षेत्र में चल रही है जहां के वोटर्स को लुभाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व तक सभाएं करता है. यह गठबंधन भी आदिवासी पार्टी को पछाड़ने के लिए किया गया. 


बीजेपी-कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ और एक दूसरे के साथ भी

 

जिस क्षेत्र की हम बात कर रहे हैं वह है वागड़ यानी बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिला. इसी क्षेत्र में हाल ही में बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम हुआ जिससे कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा था. उनके दिग्गज नेता महेंद्रजीत सिंह मालविया बीजेपी शामिल हुए. इसके पीछे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के वर्चस्व को कम करना लक्ष्य था. जिस वागड़ में बीजेपी और कांग्रेस इस प्रकार के राजनीतिक खेल कर रहे हैं वहीं पर दोनों पार्टियों का गठबंधन भी है. अब जानिए कब हुआ गठबंधन और इसके पीछे क्या कारण रहा.

 

आदिवासी पार्टी की जीत तय थी, बीजेपी कांग्रेस ने हाथ मिलाया

 

दरअसल बात है डूंगरपुर जिले के जिला प्रमुख चुनाव की. वर्ष 2020 में जिला प्रमुख के चुनाव हुए. 27 सदस्य के इस जिला प्रमुख चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी ने बड़ी बढ़त ली क्योंकि इससे पहले हुए विधानसभा चुनाव में इस पार्टी ने अपना कद बढ़ाते हुए 2 विधायक जीते थे. इसी कारण जिला प्रमुख चुनाव में भी वर्चस्व बढ़ा.

 

भारतीय ट्राइबल पार्टी के 27 में से 13 सदस्य जीतें, वहीं बीजेपी 8 और कांग्रेस के 6 सदस्य ही जीते. ऐसे में भारतीय ट्राइबल पार्टी अपना जिला प्रमुख आसानी से बना सकती थी. लेकिन आदिवासी पार्टी को पछाड़ने के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने हाथ मिला लिया. इसके लिए बीजेपी समर्थित महिला प्रत्याशी सूर्य अहारी ने जिला प्रमुख के लिए निर्दलीय आवेदन किया. बीजेपी कांग्रेस के जीते 14 सदस्यों ने वोट देकर जिताया जिससे भारतीय ट्राइबल पार्टी प्रत्याशी को 1 वोट से हार हुई. यह गठबंधन अभी भी चल रहा है.