Rajasthan News Today: राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि गुणवतापूर्ण शिक्षा के लिए राज्य में जमीनी स्तर पर प्रयास होने चाहिए. उन्होंने सभी विद्यालयों में पहली कक्षा से चरित्र निर्माण और संस्कारी नागरिक बनाने की शिक्षा देने पर जोर दिया.
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने पिछड़े क्षेत्रों को चिन्हित कर वहां पर राजकीय के साथ निजी क्षेत्र के स्तरीय विद्यालय खोले जाने के लिए, प्रोत्साहित करने की नीति पर काम करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता गांव और गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की होनी चाहिए.
'शिक्षा में निजी क्षेत्र के सहयोग पर जोर'
राजस्थान के राज्यपाल ने घुमंतू परिवारों के बच्चों की शिक्षा के लिए भी प्रयास किए जाने पर जोर दिया है. उन्होंने राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में स्मार्ट कक्षाओं के निर्माण के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की है. राज्यपाल ने शिक्षा में निजी क्षेत्र को सहयोग के लिए प्रेरित किए जाने पर जोर दिया.
इस मौके पर राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने विद्यालयों में चरित्र निर्माण, संस्कार, देशभक्ति की शिक्षा और नैतिक मूल्य के पाठ भी विशेष रूप से सम्मिलित किए जाने की आवश्यकता जताई. उन्होंने स्कूलों में खेल मैदान निर्माण, बाउंड्री, सौर ऊर्जा, वृक्षारोपण आदि के लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जाने का आह्वान किया. यह बातें राज्यपाल बागडे ने राजभवन में शिक्षा विभाग की विशेष समीक्षा बैठक में कहीं.
शिक्षा मंत्री ने क्या कहा?
इस दौरान मौके पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर भी मौजूद थे. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर विकास रहे हैं.
मदन दिलावर ने माध्यमिक शिक्षा, सर्व शिक्षा अभियान, साक्षरता और सतत शिक्षा, राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के अंर्तगत राज्य में शिक्षा प्रसार के लिए हो रहे कार्य के बारे में विस्तार से जानकारी लेते हुए राजस्थान को शिक्षा क्षेत्र में देशभर में अग्रणी बनाए जाने का आह्वान किया.
राज्यपाल ने संस्कार शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, ग्रीन स्कूल, स्मार्ट विद्यालय आदि के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को महत्वपूर्ण बताते हुए इसके लिए और प्रभावी प्रयास किए जाने पर जोर दिया. बागड़े ने शिक्षकों के प्रबोधन के लिए भी प्रभावी प्रयास किए जाने के निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि गुवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों को समयानुरूप प्रशिक्षण प्रदान करने की प्रभावी व्यवस्था हो. इसके लिए उन्होंने जिलेवार नियमित प्रशिक्षण प्रदान करने, नई शिक्षा नीति के अनुरूप कौशल विकास से विद्यार्थियों को जोड़ने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई.
'सूर्य नमस्कार है बहुत उपयोगी'
राज्यपाल ने कहा कि विद्यालयों में सूर्य नमस्कार बहुत उपयोगी है. इसके लिए विद्यार्थियों को समुचित प्रशिक्षण दिया जाने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि सूर्य नमस्कार की अलग-अलग मुद्राएं और इससे विद्यार्थी के जीवन में होने वाले सकारात्मक प्रभाव, सूर्य के विभिन्न नाम बताने पर जोर दिया. उन्होंने विद्यार्थियों की दिनचर्या में योग और व्यायाम सम्मिलित किए जाने पर भी जोर दिया.
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