राजस्थान के उन शिक्षकों पर अब सख्ती होने जा रही है जो नौकरी को गंभीरता से न लेते हुए मनमानी करते हैं और कभी भी छुट्टी मारते हैं और बिना किसी को बताए एब्सेंट हो जाते हैं. राजस्थान प्राथमिक शिक्षा विभाग ने बिना सूचना के लंबे समय तक स्कूल से गायब रहने वाले टीचर्स के लिए एक्शन लेने का निर्देश दिया है. ये निर्देश केवल स्कूल के शिक्षकों पर ही नहीं बल्कि वहां के स्टाफ पर भी लागू होगा. जो शिक्षक या स्टाफ बिना बताए स्कूल से गायब रहेंगे उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे.


दरअसल पिछले कुछ समय से शिक्षकों और स्टाफ की लापरवाही के कई मामले शिक्षा विभाग के सामने आए हैं. इन्हीं पर एक्शन लेते हुए शिक्षा विभाग ने तय समय के बाद भी स्कूल से अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों और स्टाफ पर कार्यवाई के आदेश दिए हैं. अगर ये लोग 10-15 दिन या जितने दिन का भी अवकाश नियमानुसार दिया जाता है से ज्यादा समय तक अनुपस्थित रहते हैं तो इन पर एक्शन लिया जाएगा.


इन पर भी लिया जाएगा एक्शन –


इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने उन टीचर्स के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई का निर्देश दिया है जो बिना मंजूरी के छुट्टी पर हैं. कोरोना के कारण पहले से ही स्कूलों में काम-काज काफी हद तक प्रभावित हुआ है. ऐसे में जब फिर से स्कूल खोले गए हैं तो कुछ जगहों पर शिक्षकों की लापरवाही के कई मामले सामने आ रहे हैं. इनसे निपटने के लिए ही शिक्षा विभाग ने ये फैसला सुनाया है.


हाल ही में, राजस्थान शिक्षा विभाग ने स्कूलों में स्पेशल नीड्स वाले बच्चों के सर्वे, पहचान और इनरोलमेंट के लिए दिशानिर्देश जारी किया था. इसके लिए सभी को स्कूलों में उपस्थित रहना है. अगर संबंधित अधिकारी इन पर कार्रवाई नहीं करेगा तो उस पर एक्शन लिया जाएगा.


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