Rajasthan News: राजस्थान शिक्षा विभाग पांचवी और आठवीं परीक्षा को लेकर सख्त हो गया है. विभाग ने प्रिंसिपल व शिक्षकों के लिए नए मापदंड जारी किए हैं. जिसके अनुसार जो प्रिंसिपल व शिक्षक सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने वाला होगा उसे सम्मानित किया जाएगा जबकि जो प्रिंसिपल व शिक्षक खराब प्रदर्शन करने वाले होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. विभाग में इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं, जिसमें कहा गया है कि 90 फीसदी या इससे अधिक विद्यार्थियों की ओर से ग्रेड ए प्राप्त करने पर प्रिंसिपल को विभाग की ओर से प्रमाण पत्र दिया जाएगा.


शिक्षा विभाग ने अपनाया कड़ा रुख


स्कूल में 5वीं से 8वीं के परीक्षा परिणाम में 40 फीसदी या इससे अधिक विद्यार्थियों की ओर से ग्रेड ई प्राप्त करने पर प्रिंसिपल के खिलाफ सीसीए 17 यानी कारण बताओ नोटिस के तहत कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि पांचवी-आठवीं कक्षा में कई स्कूलों में प्रिंसिपल व शिक्षक लापरवाही बरतते हैं जिसके चलते ना सिर्फ बच्चों की पढ़ाई का स्तर भी कम होता है बल्कि नामांकन भी गिरता चला जाता है. ऐसे में शिक्षा विभाग में नए मापदंड जारी करते हुए कड़ा रुख अपनाया है. 


5 माह तक प्रिंसिपल का ठहराव जरूरी


शिक्षा विभाग में पांचवी और आठवीं में बेहतर परिणाम लाने के लिए मापदंड भी तय किए हैं जिसके तहत प्रिंसिपल या शिक्षक का सत्र में संस्था में न्यूनतम ठहराव 5 माह जरूरी होगा. परीक्षा का परिणाम गणना के लिए सप्लीमेंट्री परीक्षा परिणाम को शामिल नहीं किया जाएगा, शिक्षक को श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम का प्रमाण पत्र जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से दिया जाएगा. न्यून परीक्षा का परिणाम देने वाले प्रिंसिपल और शिक्षकों का निर्धारण 30 जुलाई तक होगा. विभाग द्वारा 10 अगस्त तक सक्षम अधिकारी की ओर से कारण बताओ नोटिस दिया जाएगा उसके बाद 30 अगस्त तक कारण बताओ नोटिस का जवाब मांगा जाएगा. वही कारण बताओ नोटिस का यदि कोई शिक्षक जवाब नहीं देता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.


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श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम से मिलेगा प्रशस्ति पत्र


राजस्थान शिक्षा निदेशालय की ओर से मिली जानकारी के अनुसार कक्षा पांचवी और आठवीं में अध्यापन किए जा रहे विषय परीक्षा परिणाम में 95 फीसदी या इससे अधिक विद्यार्थियों की ओर से ग्रेड ए प्राप्त करने वाले शिक्षक को विभाग की ओर से प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा. जबकि ऐसे स्कूल जिसके परिणाम 8वीं और 5वीं कक्षा में 40 फीसदी कम रहे हैं या अधिक विद्यार्थियों की ओर से ग्रेड ई प्राप्त करने पर शिक्षक के विरुद्ध विभाग की ओर से सीसीए नियम 17 के तहत कार्रवाई की जाएगी.


विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस सख्ती के पीछे विभाग का मकसद है कि प्रारंभिक शिक्षा मैं बच्चों का शिक्षा के प्रति अच्छा रुझान होता है. ऐसे में उन्हें संपूर्ण शिक्षा मिले तो आगे की कक्षाओं के लिए भी उनका भविष्य अच्छा रहेगा. ऐसे में विभाग के सोच है की प्रिंसिपल व शिक्षकों को जिम्मेदारी दी जाए ताकि प्रारंभिक शिक्षा में अच्छा रिजल्ट व पढ़ाई होगी तो सरकारी स्कूलों से अच्छा रिजल्ट सामने आएगा.


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