राजस्थान के स्कूलों में अब अकबर को नहीं पढ़ाया जाएगा 'महान', शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का ऐलान
Rajasthan News: शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अकबर की आलोचना करते हुए कहा कि उसने सालों तक देश को लूटा और भविष्य में किसी को भी मुगल सम्राट की 'महान' बताने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
Rajasthan News: राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने रविवार को घोषणा की कि मुगल सम्राट अकबर को अब स्कूलों में महान व्यक्ति के रूप में नहीं पढ़ाया जाएगा. उन्होंने अकबर की आलोचना करते हुए कहा कि उसने सालों तक देश को लूटा और यह भी कहा कि अब भविष्य में किसी को भी मुगल सम्राट की 'महान व्यक्तित्व' के रूप में प्रशंसा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. मंत्री ने यह बातें उदयपुर के सुखाड़िया विश्वविद्यालय के विवेकानंद ऑडिटोरियम में 28वें राज्य-स्तरीय "भामाशाह सम्मान समारोह" के दौरान कही.
शिक्षा मंत्री ने दुख जताते हुए कहा कि महाराणा प्रताप, जिन्होंने मेवाड़ की सम्मान और प्रतिष्ठा के लिए सब कुछ बलिदान कर दिया, को कभी महानता का दर्जा नहीं दिया गया. उन्होंने बताया कि शिक्षा सबसे ऊंची जिम्मेदारी है और भामा शाह द्वारा इस उद्देश्य के लिए दिया गया हर एक पैसा सही तरीके से उपयोग किया जाएगा.
इस साल जनवरी में, मदन दिलावर ने मुगल सम्राट अकबर को "बलात्कारी" कहा और स्कूल की किताबों से उन्हें "महान व्यक्ति" कहने वाले संदर्भ हटाने की बात कही. उनकी ये टिप्पणियां सरकार में बदलाव के बाद स्कूल की पाठ्यपुस्तकों में महत्वपूर्ण संशोधन की चर्चाओं के जवाब में की गई थीं.
'बहुत सी जानकारी भ्रामक'
उन्होंने 30 जनवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हमें पाठ्यक्रम में कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं है, लेकिन जो भी अनैतिक बयानों वाले या महापुरुषों का अपमान करने वाले हिस्से हैं, उन्हें हटा दिया जाएगा. हमारे पूर्वजों जैसे वीर सावरकर और शिवाजी के बारे में बहुत सी भ्रामक जानकारी दी गई है, उन बयानों को ठीक किया जाएगा."
'महाराणा प्रताप की भूमिका अकबर से दबाई गई'
मदन दिलावर ने आगे कहा, "कई पाठ्यपुस्तकों में कहा गया है कि सावरकर देशभक्त नहीं थे. जबकि अकबर को महान व्यक्ति माना गया है, शिवाजी को 'पहाड़ी चूहा' कहा गया है, और महाराणा प्रताप की भूमिका को अकबर की भूमिका से दबा दिया गया है. ऐसे बयान स्वीकार्य नहीं हैं और उनकी समीक्षा की जाएगी."
इस बीच, शिक्षा मंत्री ने रविवार को राजस्थान की भामा शाह परंपरा की तारीफ की. उन्होंने बताया कि राजस्थान बलिदान, तपस्या, शौर्य और वीरता की धरती है.उन्होंने बताया कि जब महाराणा प्रताप को जंगलों में रहना पड़ा था, तब भामा शाह ने अपनी पूरी संपत्ति दान कर दी थी. उन्होंने राजस्थान को महान पुरुषों और वीरता के कार्यों की धरती बताते हुए निष्कर्ष निकाला, और महाराणा प्रताप, भामा शाह, और आदिवासी नेता गोविंद गुरु की प्रेरणादायक विरासत पर जोर दिया.