Rajasthan Election: गुजरात की तर्ज पर राजस्थाम में AAP का मास्टर प्लान? जानें कांग्रेस को कैसे देगी टक्कर
पिछले दिनों पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक ने बैठक की है. बताया जा रहा है कि जल्द ही संगठन के लिए काम किया जायेगा. "आप" के प्रवक्ता मयंक त्यागी ने बताया कि चुनाव की पूरी तैयारी है.
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (Rajasthan AAP) पूरी तैयारी में है. पार्टी यहां पर सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है. प्रत्याशियों की तलाश भी शुरू हो चुकी है. पार्टी के प्रभारी विनय मिश्रा इसकी मॉनिटरिंग में लगे हैं.
हालांकि, सबसे बड़ी परेशानी है कि अभी भी राजस्थान में पार्टी का संगठन भंग पड़ा है. न तो प्रदेश अध्यक्ष हैं और न ही जिलों में कोई एक्टिविटी हो रही है. इसके बाद भी पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व लगातार राजस्थान के लिए मेहनत करने में लगा है. पिछले दिनों पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक ने राजस्थान को लेकर बैठक की है. बताया जा रहा है कि जल्द ही राजस्थान में संगठन के लिए काम किया जायेगा. राजस्थान में "आप" के प्रवक्ता मयंक त्यागी ने बताया कि चुनाव की पूरी तैयारी है.
जयपुर और बीकानेर संभाग पर ज्यादा फोकस
आप भले ही पूरे प्रदेश में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हो, लेकिन उसकी पूरी तैयारी जयपुर और बीकानेर संभाग के जिलों की विधान सभा सीटों पर है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि बीकानेर संभाग में आने वाले जिले हनुमानगढ़, चूरू, बीकानेर और गंगानगर जिलों की जितनी भी विधानसभा सीटें हैं, उन सभी पर आप की पंजाब ईकाई काम करने वाली है.
मतलब पंजाब सरकार बीकानेर संभाग की तरफ मजबूती से काम में लगेगी. जयपुर संभाग के जयपुर, दौसा, सीकर, अलवर और झुंझनूं जिलों में दिल्ली की सरकार और दिल्ली इकाई कमान संभालेगी. इन जिलों की सीटों पर आप काम में लगी है. जयपुर जिले की विधानसभा सीटों पर "आप" से चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक कई लोगों ने दिल्ली में सीएम अरविन्द केजरीवाल से मुलाकात भी की है.
10 महीने से संगठन है भंग
पिछले साल 27 मार्च को राजस्थान में "आप" के संगठन को भंग कर दिया गया था. प्रदेश प्रभारी विनय मिश्रा ने उस दिन घोषणा की थी कि अगले तीन महीने में पूरे राज्य में सदस्यता अभियान शुरू किया जाएगा. गांव-गांव, घर-घर जाकर लोगों को जोड़ेंगे और प्रदेश में हम सब मिलकर एक मजबूत संगठन खड़ा करेंगे.
हालांकि, इस घोषणा के 10 महीने पूरे हो चुके हैं, लेकिन कोई भी एक्टिविटी नहीं हो पाई. पार्टी के लोगों का कहना है कि धीरे-धीरे लोग दूर होते चले जा रहे हैं. संगठन जब भंग हुआ तो पार्टी से जुड़े लोगों को उम्मीद थी कि जल्द ही कुछ नया होगा, लेकिन अभी तक कुछ हुआ नहीं. दिल्ली के द्वारिका से विधायक विनय मिश्रा राजस्थान के प्रभारी हैं. लेकिन, उनका दौरा कम ही हो पा रहा है.
गुजरात में एक टारगेट हुए पूरा
"आप" सूत्रों के अनुसार राजस्थान में आप से जुड़े लोगों को गुजरात चुनाव के परिणाम का इन्तजार था. गुजरात में पार्टी के प्रदर्शन को देख लिया गया है. नेशनल पार्टी बनने का टारगेट पूरा हो गया है. राजस्थान की आप सोशल मीडिया टीम अब तेजी से एक्टिव हो गई है. भले ही जमीन पर ज्यादा कुछ नहीं दिख रहा है. 2018 के चुनाव के बाद यहां पर संगठन पूरी तरह से डीएक्टिव है. इसे लेकर कई बार कार्यकर्ताओं में जोश भरने का प्रयास किया गया, लेकिन प्रभारी भी खूब बदले गए.