Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election 2023) की बिगुल बजते ही भारतीय जनता पार्टी ने अपने 41 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. 41 प्रत्याशियों की लिस्ट में भरतपुर जिले की वैर विधानसभा और डीग जिले की नगर विधानसभा से भी प्रत्याशियों का एलान किया गया है. भरतपुर की वैर विधानसभा से बहादुर सिंह कोली को मैदान में उतारा गया है, तो डीग जिले की नगर विधानसभा से जवाहर सिंह को टिकट देकर मैदान में उतारा गया है.
भारतीय जनता पार्टी (BJP Candidate List) की पहली लिस्ट आने के बाद बीजेपी में विद्रोह के संकेत भी सामने आ रहे हैं. अगर भारतीय जनता पार्टी में यह बगावत बड़े स्तर पर होती है तो विधानसभा चुनाव में बीजेपी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
टिकट न मिलने पर बीजेपी में विद्रोह के स्वर
डीग जिले की नगर विधानसभा सीट से भाजपा ने जवाहर सिंह बेढम (Jawahar Singh Bedham) को प्रत्याशी घोषित किया है. जवाहर सिंह वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में काम से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़े थे. जवाहर सिंह बेढम लगभग 40 हजार वोट से चुनाव हारे थे और नगर विधानसभा की बात करें तो नगर विधानसभा सीट पर वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में नेम सिंह फौजदार समाजवादी पार्टी से दूसरे नंबर पर रहे थे एवं बीजेपी तीसरे नंबर पर और कांग्रेस चौथे नंबर पर रही थी. नेम सिंह फौजदार ने वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी. नेम सिंह फौजदार को संगठन में बीजेपी किसान मोर्चा का प्रदेश प्रवक्ता बनाया गया, लेकिन आज टिकट नहीं मिलने के कारण नेम सिंह के विद्रोह के स्वर सामने आ रहे हैं.
क्या कहना है नेम सिंह का
नेम सिंह फौजदार ने बताया कि है 2019 में भारतीय जनता पार्टी को सिद्धांत और रीति नीतियों वाली पार्टी समझ कर मैंने बीजेपी को ज्वाइन किया था. लोकसभा चुनाव में जब भाजपा को जरूरत थी तब हमको काम में लिया था. 5 वर्ष के कांग्रेस शासन काल में यदि पूरे जिले में किसी ने विपक्ष की भूमिका निभाई थी तो वह मैंने निभाई थी. पहले यह चल रहा था जो सर्वे में सामने आएगा और जनता में लोकप्रिय होगा उसकी टिकट दी जाएगी, लेकिन आज नगर से जिस व्यक्ति को बीजेपी ने टिकट दिया है वह वर्ष 2018 के चुनाव में कामा विधानसभा से भारी मतों से चुनाव हार गए थे. अब समझ में नहीं आता की पार्टी ने जवाहर सिंह को किस आधार पर टिकट दिया है क्योंकि नगर से अनीता सिंह दो बार भाजपा विधायक रही थी उनको भी नहीं दिया. जनता से बड़ी ना कोई अदालत है ना कोई पार्टी है. आज जनता के बीच जाऊंगा जनता जो निर्णय करेगी वह सर माथे पर जनता कहेगी चुनाव लड़ना है तो चुनाव लडूंगा.