Rajasthan Election 2023: मध्य प्रदेश की तरह अब राजस्थान में भी कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर आगे बढ़ रही है. इसकी शुरुआत श्रीकृष्ण बोर्ड के गठन की घोषणा के बाद हो गई है. दरअसल, पिछले दिनों मध्य प्रदेश में प्रियंका गांधी ने चुनावी दौरे की शुरुआत नर्मदा पूजा और आरती से कर यह साफ कर दिया था कि कांग्रेस आलाकमान भी सॉफ्ट हिंदुत्व के मसले पर कमलनाथ (Kamal Nath) के साथ है.


पिछले दिनों लगातार राजस्थान सीएम अशोक गहलोत मंदिरों में दिखे. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अचानक से गोविंददेव मंदिर में पहुंच गए और वहां पर आगे पंक्ति में खड़ी महिलाओं से बातचीत की. सीएम ने खुद ट्वीट किया, 'कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा.' जयपुर के श्रीगोविंद मंदिर में बहनों से मिली प्रभु कृपा और जनसेवा की आशीष ने राहत के संकल्प को सशक्ति प्रदान की. इसके ठीक कुछ घंटों बाद उन्होंने श्री कृष्ण बोर्ड के गठन की घोषणा कर दी है. इसके कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.


 


अहीर रेजिमेंट और श्रीकृष्ण बोर्ड का गठन 
कल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से यादव समाज के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की थी. प्रतिनिधिमंडल की मांग पर गहलोत ने श्रीकृष्ण बोर्ड के गठन की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने साथ ही सेना में अहीर रेजिमेंट के गठन की मांग का समर्थन करते हुए इसके लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखने की भी घोषणा की. इसमें पूर्व सांसद डॉ. करण सिंह यादव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समाज के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास के लिए निःशुल्क जमीन आवंटित की गई. इस दौरान विधायक संदीप यादव, बलजीत यादव मौजूद रहे. 


यादव बेल्ट की सीटों पर है पूरा ध्यान 
अहीर रेजिमेंट पर सरकार की सहमति से एक बड़ा संकेत मिल रहा है. यादव बाहुल्य की सीटों पर सरकार ने अपना एक बड़ा दांव चल दिया है. जिसमें अलवर, बहरोड़-कोटपूतली, जयपुर ग्रामीण और भरतपुर की कई विधान सभा सीटों पर सीधे-सीधे असर डालने की तैयारी है. विधान सभा चुनाव से पहले सबकुछ दुरुस्त करने की तैयारी तेज हो गई है. इसीलिए कल कई यादव विधायक और नेता वहां पर शामिल रहे. 


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