हमेशा अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत ने एक बार फिर पार्टी को सकते में डाल दिया है. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान आह्वान कर दिया कि वह 1 नवम्बर को बीजेपी से नामांकन दाखिल करेंगे, हालांकि बीजेपी ने उन्हें अभी तक अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. उसके बाद भी वह दावा कर रहे हैं कि वह बीजेपी से एक नवम्बर को नामांकन दाखिल करेंगे. उनके इस बयान से एक बार फिर से गुलाबी सर्दी में सियासी पारा चढ़ गया है.


लाडपुरा विधानसभा सीट से जुलूस के रूप में भरेंगे नामांकन 
पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत लाडपुरा के कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुरूप 1 नवम्बर को जुलूस के साथ लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल करेंगे.


उन्हें आलाकमान पर पूरा भरोसा है वो जनभावनाओं का आदर करते हुए न्याय करेंगे. पूर्व विधायक ने अपने कार्यालय में सैंकडों कार्यकर्ताओं के बीच घोषणा करते हुए कहा कि लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र की जनता की भावनाओं का आदर करते हुए वो अपना नामांकन भर रहे हैं क्योंकि वर्तमान विधायक की कार्यशैली से कार्यकर्ता हताश और निराश है, इसीलिए आशा भरी निगाहों से जनता उनकी तरफ देख रही हैं.


पूर्व में भी निर्दलीय की कर चुके घोषणा 
पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत वर्ष 2018 में भी निर्दलीय चुनाव की घोषणा कर चुके थे, लेकिन वसुंधरा राजे के कहने पर उन्होंने नामांकन वापस ले लिया था. उसके बाद फिर से उन्होंने ताल ठोक दी है.


राजावत लाडपुरा से तीन बार विधायक रह चुके हैं और वर्ष 2018 में उनका टिकट कट गया था और कल्पना देवी को मौका दिया गया था और वह जीत गई थी. राज परिवार से होने के कारण कार्यकर्ता उनके पास तक नहीं पहुंच पाता और महलों के दरवाजे आम जनता के लिए बंद रहते है, ऐसा राजावत कई बार कह चुके हैं. राजावत के साथ कई पूर्व पदाधिकारियों की टीम भी उनके साथ लग रही है, ऐसे में लाडपुरा से यदि वह चुनाव लडते हैं तो बीजेपी की मुश्किल बढ सकती है.


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