Rajasthan Election 2023: पिछली बार जिन सीटों पर मिली थी हार, वहां बीजेपी-कांग्रेस ने तैयार की ये खास रणनीति
Election 2023: राजस्थान के 2018 के चुनाव पर नजर डालें तो कई विधानसभा सीट पर मतदाताओं ने कांग्रेस और बीजेपी को तीसरे, चौथे नंबर पर धकेल दिया था. इसलिए इस बार जिताऊ प्रत्याशी का सर्वे करया जा रहा है.
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 कभी भी घोषणा हो सकती है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी मैदान में पूरी तैयारी के साथ डटी हुई हैं. इस बीच विधानसभा चुनाव में कुछ सीटें ऐसी हैं जहां जिताऊ प्रत्याशी के लिए सर्वे भी कराया गया है. साथ ही चुनाव लड़ने के इच्छुक लोग टिकट के लिए दिल्ली-जयपुर की दौड़ लगा रहे हैं. इस बार दोनों ही पार्टियां इन सीटों पर सर्वे कराकर जिताऊ उम्मीदवार को मैदान में उतरने का मन बना रही हैं. साथ ही जातिगत समीकरण पर भी मंथन किया जा रहा है. कांग्रेस और बीजेपी प्रत्याशियों की सूचि बनाने में लगी हैं और पार्टियां चाहती हैं कि, इस बार जल्दी टिकट की घोषणा कर दी जाए.
दरअसल, अगर साल 2018 के चुनाव पर नजर डालें तो कई विधानसभा सीट पर मतदाताओं ने प्रमुख पार्टी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी को तीसरे, चौथे नंबर पर धकेल दिया था. बता दें कि, 2018 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने तीन सीट पर भारतीय जनता पार्टी को और दो सीट पर कांग्रेस पार्टी को हराया था. एक सीट पर बसपा और सपा में टक्कर थी. बहुजन समाज पार्टी ने उदयपुरवाटी, किशनगढ़ बॉस और नदबई में बीजेपी प्रत्याशियों को हराया था. वहीं करौली और तिजारा में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों को हराया था. इसके साथ ही भरतपुर जिले की नगर विधानसभा सीट पर बसपा-सपा में मुकाबला रहा. इन सीटों पर बीजेपी तीसरे और कांग्रेस चौथे नंबर पर रहे थे.
इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों में थी टक्कर
दरअसल, अलवर जिले की थानागाजी विधानसभा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों में टक्कर थी. यहां बीजेपी प्रत्याशी तीसरे नंबर पर तो कांग्रेस प्रत्याशी चौथे नंबर पर थे. थानागाजी विधानसभा सीट पर साल 2018 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी कांति प्रसाद को कुल 64 हजार 79 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर रहे निर्दलीय प्रत्याशी हेम सिंह को 34 हजार 729 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर बीजेपी प्रत्याशी रोहिताश कुमार को 22 हजार 735 और चौथे नंबर पर रहे कांग्रेस के सुनील कुमार को 22 हजार 637 वोट मिले थे. बता दें कि, राजस्थान विधानसभा की कई सीटें ऐसी है जहां बीजेपी और कांग्रेस पार्टी दोनों की हालत खराब है. ऐसी विधानसभा सीट को लेकर दोनों पार्टियां परेशान है.
मेड़ता विधानसभा सीट पर आरएलपी और निर्दलीय की टक्कर
वहीं साल 2018 के चुनाव में मतदाताओं ने भाजपा-कांग्रेस दोनों पार्टियों से दूरी बना ली थी और बीजेपी-कांग्रेस को तीसरे और चौथे स्थान पर खड़ा कर दिया था. राजस्थान की मेड़ता विधानसभा सीट पर हनुमान बेनीवाल की आरएलपी प्रत्याशी इंदिरा देवी ने निर्दलीय प्रत्याशी लक्ष्मण राम को हराया था. यहां भी बीजेपी तीसरे और कांग्रेस चौथे नंबर पर रही. आरएलपी प्रत्याशी इंदिरा देवी को 57 हजार 662 वोट मिले तो दूसरे नंबर पर रहे निर्दलीय प्रत्याशी लक्ष्मण राम को 44 हजार 827 वोट मिले. तीसरे नंबर पर रहे बीजेपी प्रत्याशी भंवरा राम को 41 हजार 860 और चौथे नंबर पर रहे कांग्रेस के सोनू चितारा को 24 हजार 18 वोट मिले थे. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अब इन सीटों पर जिताऊ प्रत्याशी खोजने में लगे हुए है. जहां मतदाताओं ने बसपा, बीटीपी, निर्दलीय या अन्य किसी पार्टी के प्रत्याशी को जिताकर विधानसभा में भेजा था.