Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में बीजेपी ने अपना चुनावी प्लान अब थोड़ा बदल दिया है. प्लान में कई नई चीजें लाई गई हैं. जबसे राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने नेता प्रतिपक्ष की कमान संभाली है, तभी से बीजेपी ने कई नए मुद्दों पर काम करना शुरू कर दिया है. लगातार एकजुटता का संदेश प्रदेश से दिल्ली तक भेजा जा रहा है. ऐसे में अब जब चुनाव सामने हैं तो पूर्व बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनियां (Satish Poonia) द्वारा पूरे प्रदेश में बूथ-बूथ तक बीजेपी को पहुंचाने का काम किया जा रहा है और पार्टी को आगे बढ़ाने की तैयारी की जा रही है.
पिछले चार साल में बीजेपी अध्यक्ष रहते हुए सतीश पूनियां ने पन्ना प्रमुख और बूथ को मजबूत किया. उस कार्य का लाभ अब पार्टी को मिलने जा रहा है. सूत्रों का कहना है इसीलिए पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष को प्रमुख जम्मेदारी में रखना चाह रहा है. जब चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी ने मीटिंग ली तो उन्होने पन्ना प्रमुखों को टोली बनाने का काम दे दिया है. अब उसपर काम किया जायेगा.
क्या है टोली अभियान ?
चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी ने अपनी मीटिंग में नया टास्क दिया है. प्रदेश में जितने पन्ना प्रमुख है वो अब पांच लोगों की टोली बनाएंगे. मतलब सीधे वोटर्स को जोड़ना है. इस मिशन पर लगने के लिए कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को बता दिया गया है. इसे माइक्रो से भी माइक्रो चुनावी मैनेजमेंट से जोड़ा जा रहा है. अब सतीश पूनियां के काम को ही आगे बढ़ाते हुए सीपी जोशी की निगरानी में यह अभियान शुरू होगा. इसके लिए जल्द ही जिलेवार नेताओं की जिम्मेदारी तय कर दी जाएगी.
इन मुद्दों पर आगे बढ़ेगी बीजेपी
राजस्थान के इस विधान सभा चुनाव में बीजेपी अपराध, किसान और पेपर लीक को प्रमुख मुद्दे के रूप में लेगी. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने विधान सभा में जमकर इन मुद्दों को उठाया. पिछले दिनों उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां ने किसानों की कर्जमाफी पर कई बार कांग्रेस सरकार से सवाल पूछे हैं. पेपरलीक मामले पर उन्होंने मुख्यमंत्री के आवास का घेराव किया था. उसी कड़ी में चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी ने कहा कि राजस्थान को लेकर मुझे पूरी उम्मीद और विश्वास है कि बीजेपी आगामी विधानसभा चुनावों में दो तिहाई बहुमत से मजबूत सरकार बनाएगी.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी दस तक गिनती गिनकर कर्ज माफी करने की घोषणा करते हैं, जबकि असलियत यह है कि प्रदेश का किसान वादाखिलाफी के चलते आत्महत्या करने को मजबूर है. एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान आज दुष्कर्म के मामलों में देश में सबसे आगे हैं. बीजेपी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को आमजनता तक प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं को पहुंचाने का जिम्मा है.
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