Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को एक माह रह गया है. ऐसे में अभी राजनीतिक पार्टियों की तरफ से सूची जारी करने का समय चल रहा है. ऐसे में कई जगह विरोध तो कई जगह उग्र विरोध भी हो रहे हैं. इधर राजस्थान की राजनीति की बात करें तो मेवाड़ की 28 विधानसभा सीट सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती हैं और इस मेवाड़ में भी सबसे हॉट सीट उदयपुर शहर सीट है. क्योंकि यही से पिछले चार बार से लगातार असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया विधायक रह चुके हैं.


लेकिन अब इस सीट पर विरोध के स्वर तेज हो गए हैं. क्योंकि यहां पर बीजेपी (BJP) की तरफ से प्रत्याशी के रूप में ताराचंद जैन (Tarachand Jian) को टिकट दिया गया है. टिकट देने के बाद से ही उदयपुर नगर निगम के उप महापौर पारस सिंघवी ने मोर्चा खोल दिया है. बड़ी बात तो यह है कि उन्होंने आज यानी सोमवार (23 अक्टूबर) को शहर में स्वाभिमान रैली भी निकाली और पार्टी नेतृत्व के सामने अपना विरोध जाते.


दूसरी राह अपनाने से पहले पार्टी से दूंगा इस्तीफा-पारस

 

पारस सिंघवी ने एबीपी से बात करते हुए कहा कि बीजेपी संघर्ष के साथ अपनी शुरुआत की और आज यहां तक पहुंची है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी की तरफ से उदयपुर (Udaipur) में ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया गया है जो सनातन विरोधी हैं और पूजा पद्धति में विश्वास नहीं रखते हैं. यह पार्टी कार्यकर्ताओं का अपमान है और इसी अपमान के कारण आज स्वाभिमान रैली निकाली है. असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया (Gulab Chand Kataria) पर पारस सिंघवी (Paras Singhvi) ने कहा कि वह संवैधानिक ऑफ पर हैं. उन्हें राजनीति से दूर रहना चाहिए. वह जब भिनाते हैं बीजेपी कार्यकर्ताओं की बैठक लेते हैं. मैं बीजेपी का अभी भी सदस्य हूं. जब भी दूसरी राह अपनाऊंगा तो पहले पार्टी पद से इस्तीफा दूंगा.

 

ताराचंद जैन ने क्या कहा

 

उदयपुर से प्रत्याशी ताराचंद जैन ने कहा कि जब उपमहापौर बनने की बात आई थी तो मैं भी था, लेकिन पारस सिंघवी को बनाया गया. तब मैंने कोई विरोध नहीं किया. पद की लालसा नहीं है. आगर अभी पार्टी कहेगी तो मैं पीछे हद जाऊंगा. उन्होंने कहा कि पारस सिंघवी बीजेपी के सिपाही हैं. 3 दिन में उनका गुस्सा कम हो जाएगा. हम साथ में चुनाव लडेंगे. सनातन की बात पर उन्होंने कहा कि मुझे किसी को भी सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं है.