Rajasthan Election 2023: बीजेपी ने तीन दशक बाद खेला 'हिंदुत्व कार्ड', किसी मुस्लिम को नहीं दिया टिकट, तीन संतों को मिला मौका
Rajasthan Elections 2023: राजस्थान में विधानसभा में इस बार बीजेपी ने किसी भी मुस्लिम को प्रत्याशी नहीं बनाया है. इस बार पार्टी ने पिछली सरकार में मंत्री रहे यूनुस खान को भी टिकट नहीं दिया है.
Rajasthan Election 2023: भारतीय जनता पार्टी ने इस बार 30 साल बाद राजस्थान में किसी मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारा है. जबकि तीन बड़े संतो को टिकट दिया है. इस बार राजस्थान के विधानसभा चुनाव में चर्चा थी कि भारतीय जनता पार्टी चार से पांच सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को उतार सकती है. मगर ऐसा नहीं हुआ है. अब जब तीन बड़े संत टिकट पा चुके हैं तो कहा जा रहा है कि बीजेपी ने इसे हिंदुत्व कार्ड के रूप खेल दिया है. तीन दशक से लगातार बीजेपी राजस्थान में मुसलमानों को टिकट देती रही है. इतना ही नहीं वसुंधरा राजे के खास माने जाने वाले पूर्व मंत्री यूनुस खान का भी टिकट काट दिया गया है. अब कोई भी मुस्लिम प्रत्याशी बीजेपी की तरफ से राजस्थान में चुनाव नहीं लड़ रहा है. यह पिछले तीन दशक की राजनीति में पहली बार हुआ है.
भैरों और वसुंधरा के राज में मुस्लिम प्रत्याशी
राजस्थान की राजनीति में पिछले 3 दशकों में भारतीय जनता पार्टी ने मुस्लिम प्रत्याशियों को कई टिकट दिए हैं. इतना ही नहीं भैरों सिंह शेखावत के कार्यकाल में बीजेपी हिंदू तीर्थ पुष्कर से रमजान खान को प्रत्याशी बनाती रही है. जो शेखावत सरकार में मंत्री भी बनाये गए थे. यूनुस खान को वसुंधरा राजे ने डीडवाना से मैदान में उतारा था. उसके बाद उन्हें टोंक से टिकट मिला था मगर वो हार गए थे. वहीं हबीबुर्रहमान भी बीजेपी से विधायक रहे हैं. 2018 में उनका भी टिकट कट गया था. वसुंधरा के कार्यकाल में यूनुस खान मंत्री बनाया गया था. धौलपुर से सगीर खान को टिकट मिला था. इस बार किसी को टिकट नहीं मिला है.
ये हैं भाजपा के संत प्रत्याशी
महंत प्रताप पुरी पोकरण विधानसभा क्षेत्र से मैदान में हैं. पहले विधायक रह चुके हैं. इस बार बीजेपी ने उन पर फिर दांव लगा दिया है. दूसरी तरफ हवा महल से बालमुकुंद आचार्य को भी पार्टी ने टिकट दिया है. बालमुकुंद ने कहा कि पार्टी ने सनातनी कार्यकर्ता पर विश्वास किया है. पिछले पांच साल से वह परकोटे में काम कर रहे हैं. वही अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ को तिजारा से मैदान में उतारा गया है.
ये हैं मुस्लिम बाहुल्य सीटें
अलवर जिले की रामगढ़, तिजारा, भरतपुर की कामां और नगर, जयपुर जिले की किशनपोल, हवामहल, आदर्श नगर, सीकर जिले की फतेहपुर, सीकर सीट मुस्लिम बाहुल्य है. नागौर जिले की नागौर, मकराना, डीडवाना, लाडनूं और बाड़मेर जिले की शिव, चौहटन, जोधपुर जिले की और सूरसागर और फलौदी, टोंक जिले की टोंक, मालपुरा, झुंझुनू जिले की मंडावा, नवलगढ़ और झुंझुनू, अजमेर जिले की मसूदा,अजमेर और पुष्कर, जैसलमेर जिले की जैसलमेर और पोकरण, सवाई माधोपुर की गंगापुर सिटी और सवाई माधोपुर, कोटा की रामगंज मंडी, कोटा उत्तर और लाडपुरा, झालावाड़ की झालरापाटन और चिड़ावा धौलपुर जिले की धौलपुर विधानसभा क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य मानी जाती है.
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