Rajasthan Politics: बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ( BJP MP Kirodi Lal Meena) के धरने पर राजनीति तेज हो गई है. सबकी नजरें किरोड़ी लाल के धरने में आने वाले नेताओं पर लगी हैं. दूसरी तरफ वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के समर्थन ने सियासी माहौल को हवा दे दी है. हमेशा की तरह इस बार भी बीजेपी ने समर्थन नहीं दिखाया है. बीजेपी के दिग्गज नेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) धरना स्थल पर शुरू में ही गए थे. केंद्रीय मंत्री संजीव बालयान (Sanjeev Balyan) ने भी धरनास्थल पर जाकर मजबूती देने का संकेत दिया था.


इन सबके बीच धरने का टर्निंग पॉइंट तब आया जब राष्ट्रीय मंत्री अलका सिंह गुर्जर बीते दिन समर्थन देने पहुंच गईं. दौसा जिले की बांदीकुई विधानसभा सीट से अलका बीजेपी की विधायक रही हैं. दौसा से सांसद रहे किरोड़ी लाल मीणा की राजनीतिक ताकत का अंदाजा सभी नेता लगा रहे हैं. अलका के जाने से ही धरना को हाइप मिल गया है. अलका इस समय बीजेपी की राष्ट्रीय मंत्री हैं.


अलका के दो घंटे बाद वसुंधरा राजे का मिला समर्थन


अलका सिंह गुर्जर के धरने पर जाने के ठीक दो घंटे बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का किरोड़ी लाल मीणा को समर्थन आ गया. वसुंधरा राजे ने धरने के माहौल की ताकत को भांप लिया. राजे के ट्वीट और समर्थन की चर्चा खूब हो रही है. राजे ने खुलकर बहुत दिनों बाद किसी धरने का समर्थन किया है. सियासी मामलों के जानकार बताते हैं कि अलका चुनाव मैदान में इस बार उतरने की तैयारी कर रही हैं.


बीते रविवार को वसुंधरा ने किरोड़ी के समर्थन में ट्वीट क्या किया कि सोमवार सुबह ही अशोक परनामी और पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा धरना स्थल पर समर्थन देने पहुंच गए. बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अशोक परनामी को राजे का करीबी माना जाता है. किरोड़ी के धरने पर पहुंचे अशोक परनामी को लेकर हलचल तेज हो गई है.




बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा का धरना जारी


आखिर क्या परनामी को बस ट्वीट का इंतजार था या धरने से मिल रहे समर्थन का अंदाजा लगाया जा रहा था. किरोड़ी लाल का कहना है कि 7वें दिन बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अशोक परनामी और पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा समर्थन देने धरना स्थल पर आये. मुद्दा राजनीति का नहीं, बल्कि बेरोजगारों को न्याय दिलाने का है. 


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