Rajasthan Aseembly Election 2023: इस साल के अंत में राजस्थान (Rajasthan) विधानसभा चुनाव होना है. चुनाव को देखते हुए सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी तैयारी में लग गई हैं. भरतपुर (Bharatpur) जिले में सात विधानसभा सीटे हैं. पिछले विधानसभा चुनावों में हुई हार के बाद बीजेपी इस बार यहां जाट वोट बैंक पर सेंध लगाने जा रही है. बीजेपी ने भरतपुर शहर विधानसभा सीट पर इस बार जाट प्रत्याशी को टिकट देने का ऐलान कर दिया है. बीजेपी 50 साल बाद इस सीट पर  जाट प्रत्याशी को टिकट देगी.

 

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता इंद्रजीत भदौरिया आज सोमवार को भरतपुर पहुंचे . उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए ये ऐलान किया. उन्होंने कहा "बड़े अफसोस की बात है कि भरतपुर शहर विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा मतदाता जाट समुदाय के हैं, फिर भी बीजेपी ने उनको कभी टिकट नहीं दिया, लेकिन इस बार बीजेपी जाट प्रत्याशी को टिकट देगी."  भरतपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 75 हजार मतदाता जाट समुदाय के हैं. लगभग 30 हजार मतदाता वैश्य समुदाय के हैं.

 

5 हजार मतदाता ब्राह्मण समुदाय के
वहीं लगभग 35 हजार मतदाता ब्राह्मण समुदाय के हैं, लेकिन 1985 से 2003 तक भरतपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के ब्राह्मण प्रत्याशी जीतते रहे. उसके बाद 2003 अब तक लगातार वैश्य समाज के प्रत्याशी ही यहां से विधायक हैं. साल 2003 विधानसभा चुनाव में भरतपुर विधानसभा सीट पर इनेलो के विजय बंसल विजयी हुये थे. उसके बाद वो बीजेपी के टिकट से 2008 से 2018 तक विधायक रहे . 2018 के विधानसभा चुनाव में विजय बंसल चुनाव हार गए.  2018 में कांग्रेस और लोकदल गठबंधन से सुभाष गर्ग चुनाव जीते, जो कांग्रेस सरकार में मंत्री है . 


भरतपुर विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा जाट मतदाता होने के बाद भी ऐसे क्या कारण है कि, बीजेपी और कांग्रेस भरतपुर सीट पर जाट प्रत्याशी को टिकट नहीं देतीं. दोनों पार्टियां ब्राह्मण और वैश्य समुदाय के प्रत्याशी को अपना उम्मीदवार बनाती हैं, लेकिन जिले की सभी 7 सीटों को हारने के बाद  बीजेपी को लगता है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में जाट समुदाय को तबज्जो देनी पड़ेगी. यही वजह है कि 50 साल बाद बीजेपी ने अबकी भरतपुर शहर विधानसभा सीट से बार जाट को अपना प्रत्याशी बनाने का एलान किया है. 


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