Rajasthan Election 2023: पिछली बार मेवाड़ में बीटीपी ने बिगाड़ा था बीजेपी-कांग्रेस का खेल, अब बीएपी ने और बढ़ा दी टेंशन
Rajasthan Elections 2023: मेवाड़-वागड़ ने पिछले चुनाव में यहां भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने कदम रखा था. अब बीजेपी और कांग्रेस के लिए चुनौती डबल हो गई है. बीटीपी के साथ ही भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) ने कदम रख दिया है.
Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए तैयार है. 23 नवंबर को राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल हर सीट पर अपना दम झोंक रही हैं. लेकिन मेवाड़-वागड़ में पिछले चुनाव से अलग स्थितियां बन रही हैं. क्योंकि पिछले चुनाव में यहां भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने कदम रखा था. इस पार्टी ने बीजेपी और कांग्रेस के मेवाड़-वागड़ की 28 सीटों पर बैठाए गणित को बिगाड़ दिया था. लेकिन अब चुनौती डबल हो गई है. क्योंकि बीटीपी के साथ ही अब यहां भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) ने कदम रख दिया है. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के गणित को यहां और भी नुकसान हो सकता है. माना जा रहा है कि यहां 16 सीटों पर चतुष्कोणीय मुकाबला होने वाला है.
बीजेपी-कांग्रेस के बीच रहता था आदिवासी वोट, पहले बीटीपी अब बीएपी की सेंध
उदयपुर संभाग और इससे टूटकर बने बांसवाड़ा संभाग में 28 विधानसभा सीटें है, जिसमें से 17 सीटें आरक्षित हैं. यहां दशकों से आदिवासी वोट कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी में बंटता रहा है. इसलिए कहा जाता है कि जिसने मेवाड़-वागड़ जीता सरकार उसकी बनी. हालांकि पहली बार ऐसा हुआ कि यहां से कुछ ही सीटों की बढ़त में बीजेपी रही, लेकिन सत्ता कांग्रेस की बनी. इस मिथक को तोड़ने में बीटीपी की सेंधमारी ने काम किया. वोट 3 तरफ बंट गए, जिससे आंकड़ों में अंतर हो गया. अब बीटीपी से ही टूटकर बनी भारतीय आदिवासी पार्टी पहली बार चुनावी मैदान में उतरने वाली है. ऐसे में वोट 4 तरफ बंट जाएंगे और बीजेपी-कांग्रेस की चुनौती बढ़ जाएगी.
पहले 10 सीटों पर बिगाड़ा खेल, अब 17 सीटों पर उतार रहे प्रत्याशी
भारतीय ट्राइबल पार्टी ने पिछले चुनाव में 10 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें से 2 विधायकों ने जीत दर्ज की थी. बड़ी बात यह है कि 10 सीटों पर तो यहां सबसे कम 622 वोट एक विधानसभा से मिले थे और सबसे ज्यादा एक विधानसभा से 64 हजार वोट मिले थे. जो कि 38 फीसदी वोटर्स हैं. 3 सीट तो ऐसी थीं, जहां 50 हजार से ज्यादा वोट मिले थे, जो कि अपने आप में सेंधमारी का बड़ा फिगर है. अब आदिवासी समाज के बैनर तले भारतीय आदिवासी पार्टी खड़ी हुई है, जो खुद भी 17 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी. इसी आदिवासी समाज के बैनर तले पिछले साल स्टूडेंट्स इलेक्शन में 25 में से करीब 17 कॉलेज में जीते दर्ज की थी. दोनो ही पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती हैं.