Rajasthan Election 2023: राजस्थान में विधानसभा की कई सीटें ऐसी हैं जिनका मिजाज और इतिहास राजाओं से जुड़ा है. मगर, वहां पर जनता उन्हें चुनाव जिता रही है. उन सीटों में से एक है बूंदी. इस पर भी दूर से आने वाले नेताओं ने भी अपनी पकड़ बनाई है. यह बीजेपी के लिए बेहद महत्वपूर्ण सीट है. इस पर बीजेपी ने जीत का हैट्रिक लगाया है. लेकिन जो दो चुनावों में बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी अब वो कम हो गई है.
पिछले चुनाव में महज 713 वोटों से बीजेपी को जीत मिली है. इसलिए पार्टी और जिले के नेता यहाँ पर नए प्रत्याशी की तलाश में है. यहां के वोटर को 'हिंदुत्व' इस बार भा रहा है. जिले में लगातार रैली और सभाएं हो रही है. पिछले दिनों विश्व हिन्दू परिषद की शौर्य जागरण यात्रा निकली. जिसकी अगुवाई अक्षय हाड़ा ने की थी. इस यात्रा में बड़ी भीड़ भी उमड़ी थी. इसी तरह अब गणेश चतुर्थी को लेकर बड़ा उत्सव किया गया. इसलिए अक्षय को लेकर चर्चा तेज है.
हिंदुत्व और बीजेपी
बूंदी के धर्माचार्य ज्योति शंकर शर्मा का कहना है कि यहां पर सवर्ण मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका में है. यहां पर अगर सवर्ण मतदाता के मन का काम हुआ तो उसे ही जीत मिली है. इसलिए पार्टी और प्रत्याशी इस बात को ध्यान में रखते हैं. पिछले चुनाव में बूंदी सीट पर भारतीय जनता पार्टी के अशोक डोगरा ने कांग्रेस के हरिमोहन शर्मा को 713 वोटों से हराया था, लेकिन जीत कम वोटों के अंतर से मिली थी, जिसके चलते पार्टी चिंतित है. यहां से नए चेहरे को मौक़ा मिल सकता है.
कुछ ऐसा है इतिहास
बूंदी जिले की बात करें तो भारत में चौहान वंशीय हाड़ा राजपूतों का राज्य सबसे पहले राजस्थान में बूंदी में स्थापित हुआ. कोटा के हाड़ा राज्य का निर्माण इसी बूंदी राज्य की उप-शाखा के रूप में हुआ. हाड़ा के आने से पहले यह राज्य मालवा प्रदेश का एक भाग था. बूंदी जिले की तीन विधानसभा-हिंडोली, केशोरायपाटन और बूंदी सीट में दो पर बीजेपी और एक पर कांग्रेस का कब्जा है.
बूंदी विधानसभा सामान्य सीट है. 2011 की जनगणना के अनुसार बूंदी विधानसभा की कुल जनसंख्या 411533 है, जिसका 71.92 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण और 28.08 प्रतिशत हिस्सा शहरी है. वहीं कुल आबादी का 19.02 फीसदी अनुसूचित जाति और 20.03 फीसदी अनुसूचित जनजाति हैं. बाकी यहां पर सवर्ण जाति के वोटर्स हैं.
कुछ ऐसा रहा परिणाम
2013 विधानसभा चुनाव में बूंदी विधानसभा में बीजेपी विधायक अशोक डोगरा ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष और कांग्रेस प्रत्याशी ममता शर्मा को 27636 वोटों से पराजित किया. बीजेपी के अशोक डोगरा को 91142 और कांग्रेस की ममता शर्मा को 63506 वोट मिले थें. 2008 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के अशोक डोगरा ने कांग्रेस से लगातार दो बार की विधायक रहीं ममता शर्मा को 10743 वोट से शिकस्त दी. बीजेपी के अशोक डोगरा को 56992 और कांग्रेस से ममता शर्मा को 46249 वोट मिलें. ममता शर्मा अब बीजेपी में है और डोगरा के जीत का औसत घटता जा रहा है.
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