Rajasthan Elections 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव 25 नवंबर को होने जा रहे हैं. ऐसे में सभी राजनीतिक दल भी सक्रिय हो चुके हैं और अपने-अपने उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी कर रहे हैं. इस बीच निर्वाचन आयोग की ओर से एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान उम्मीदवारों और संबंधित राजनैतिक दलों को आपराधिक रिकार्ड की जानकारी तीन बार अलग-अलग तय समयावधि में समाचार पत्रों में प्रकाशित और टीवी चैनल्स में प्रसारित कराना होगा. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार आयोग ने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी देने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये हैं.
राजनैतिक दलों को भी देनी होगी जानकारी
दरअसल, अगर किसी राजनैतिक दल ने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों को उम्मीदवार बनाया है, तो उन्हें भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित नए फॉर्मेट सी-7 में ऐसे उम्मीदवारों के चयन से 48 घंटे के भीतर यह प्रकाशित करना होगा कि, उन्होंने उस व्यक्ति को ही उम्मीदवार क्यों चुना? प्रवीण गुप्ता ने आगे कहा कि, इस प्रकाशन की सूचना राजनैतिक दलों को फॉर्मेट सी-8 में 72 घंटे के भीतर भारत निर्वाचन आयोग को भी देना होगा. आपराधिक मामलों के प्रचार-प्रसार के लिये उन्हें फॉर्मट सी-1 और सी-2 के द्वारा राष्ट्रीय व स्थानीय समाचार पत्रों और टीवी चैनल्स में प्रसारित करवाना होगा.
ये होगा प्रकाशन का समय
वहीं उम्मीदवारों द्वारा भरे गए नामांकन पत्र में यदि खुद के संबंध में कोई आपराधिक मामला दर्ज होने की सूचना दी जाती है, तो अभ्यर्थी एवं संबंधित राजनीतिक दल को सूची के अनुसार जानकारी प्रकाशित व प्रसारित करवानी होगी. आयोग के अनुसार विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों में यदि किसी का आपराधिक रिकॉर्ड है, तो पहला प्रकाशन नामांकन वापसी की अवधि के पहले चार दिनों के भीतर, दूसरा प्रकाशन अगले पांच से आठ दिनों के बीच और तीसरा प्रकाशन 9वें दिन से प्रचार अभियान के अंतिम दिन (मतदान दिवस से दो दिन पहले) तक समाचार पत्रों व टीवी चैनल पर प्रकाशित और प्रसारित करने होंगे.
1. पहला प्रकाशन 10-11-2023 से 13-11-2023 के बीच होगा.
2. दूसरा प्रकाशन 14-11-2023 से 17-11-2023 के बीच होगा.
3. तीसरा प्रकाशन 18-11-2023 से चुनाव प्रचार की आखिरी डेट तक होगा.
बता दें कि, ऐसे राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्र जिनकी प्रसार संख्या 75 हजार प्रतिदिन हो और स्थानीय समाचार पत्र जिसकी प्रतिदिन 25 हजार प्रतियां प्रकाशित होती हों उसमें सी-1 एवं सी-2 फार्मेट प्रकाशित करवाने होंगे. इसी प्रकार विभिन्न टीवी चौनल में भी इनका प्रसारण करवाना होगा, जिसकी समयावधि सुबह 8 से रात 10 बजे के बीच कम से कम सात सेकंड के लिए होनी जरूरी है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि, आयोग के निर्देशानुसार फॉर्मेट सी-1 उम्मीदवारों के लिए होगा. वहीं फॉर्मेट सी-2 राजनीतिक दलों के लिए होगा.
फॉर्मेट सी-1 भरते समय इन बातों का रखें ध्यान
1. उम्मीदवार के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों से संबंधित विवरण मोटे अक्षरों में हों.
2. समाचार पत्रों में सूचना न्यूनतम 12 फोंट के आकार में प्रकाशित जाएं.
3. हर मामले के लिए विवरण अलग-अलग पंक्तियों में अलग-अलग दिया जाना चाहिए.
4. यदि कोई उम्मीदवार किसी दल विशेष के टिकट पर चुनाव लड़ रहा है, तो उसे अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों के बारे में अपने दल को सूचना देनी होगी.
5. जैसे ही आपराधिक मामलों के संबंध में घोषणा प्रकाशित हो जाती है, उम्मीदवार तत्काल इसकी सूचना रिटर्निंग अधिकारी को देंगे. इसके अतिरिक्त, निर्वाचन परिणाम की घोषणा के 30 दिनों के भीतर वे निर्वाचन व्ययों के लेखा सहित फार्मेट सी-4 में मामलों के संबंध में घोषणा के प्रकाशन के बारे में एक रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी के सामने पेश करेंगे.
फॉर्मेट सी-2 में राजनैतिक दलों को देनी होगी जानकरी
वहीं फॉर्मेट सी-2 के तहत राजनैतिक दलों द्वारा वेबसाइट्स, समाचार चैनलों और समाचार पत्रों में दल द्वारा खड़े किये गए उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी देनी होगी. साथ ही राजनैतिक दल आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों से संबंधित सूचना दल की ऑफिसियल वेबसाइट के होमपेज पर डालने के लिए भी बाध्य होंगे.