Lohawat Assembly Seat: राजस्थान के जोधपुर जिले की 10 विधानसभा सीटों में से एक लोहावट विधानसभा सीट है. 2008 के परिसीमन के बाद लोहावट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का गठन किया गया. इस विधानसभा के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक तीन बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. जिसमें से दो बार बीजेपी के प्रत्याशी को जीत हासिल हुई है, जबकि एक बार कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया है. 


हालिया प्रदेश के सरकार के एलान के बाद, प्रदेश में नए जिलों का गठन किया गया. जिसके बाद लोहावट विधानसभा सीट को फलोदी जिले में कर दिया गया है. इस सीट पर चुनाव में जातिगत समीकरण हावी रहता है. जातीय आधार पर देखें तो यहां पर सबसे अधिक आबादी बिश्नोई समाज की है. लोहावट विधानसभा सीट पर बिश्नोई समाज के वोट निर्णायक भूमिका अदा करते हैं, यहां इस समाज की आबाद लगभग 60 हजार है. 


बिश्नोई समाज के अलवा यहां पर राजपूत की आबादी 55 हजार है. इसके बाद एससी एसटी 45 हजार, मुस्लिम 12 हजार, जाट 15 हजार, ओबीसी 35 हजार, लगभग 10 हजार सामान्य मतदाता हैं. अब तक 2008, 2013 और 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में दो बार राजपूत प्रत्याशी ने जीत हासिल की है. वहीं लोहावट विधानसभा सीट पर एक बार बिश्नोई समाज के प्रत्याशी ने जीत हासिल की है.


लोहावट विधानसभा पर हार जीत का आंकड़ा


लोहावट विधानसभा सीट पर पहली बार 2008 में चुनाव हुआ. इस चुनाव में बीजेपी ने गजेंद्र सिंह खींवसर को अपना प्रत्याशी बनाया, जबकि कांग्रेस ने महेंद्र सिंह भाटी को उम्मीदवार बनाया था. चुनाव में गजेंद्र सिंह खींवसर को 44 हजार 437 वोट प्राप्त कर जीत हासिल की, दूसरे नंबर पर रहे निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मालाराम बिश्नोई को 36 हजार 742 वोट मिला. जबकि तीसरे नंबर पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र सिंह भाटी को सिर्फ 17 हजार 964 वोट मिले.


2013 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी गजेंद्र सिंह खींवसर को 83 हजार 87 वोट मिले, उन्होंने यहां से लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की. पिछली विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ने वाले मालाराम बिश्नोई ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव में उतरे थे, जहां उन्हें कुल 63 हजार 273 वोट हासिल कर दूसरे पोजीशन पर रहे. दूसरी बार जीतने पर गजेंद्र सिंह खींवसर को वसुंधरा सरकार में मंत्री भी बनाया गया.


लोहावट विधानसभा सीट पर 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत का सूखा खत्म करते हुए, लगातार दो बार विधायक रहे गजेंद्र सिंह खींवसर को हराया. इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी किसना राम बिश्नोई को 1 लाख 6084 वोट मिले, जबकि बीजेपी प्रत्याशी गजेंद्र सिंह खींवसर को 65 हजार 208 वोट मिले थे. 


बीजेपी में आधा दर्जन टिकट के दावेदार


लोहावट विधानसभा सीट से आगामी चुनाव के लिए लिए, बीजेपी की तरफ से आधे दर्जन से अधिक नेताओं ने टिकट के दावेदारी जता रहे हैं. जिनमें दो बार विधायक रहे और वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे गजेंद्र सिंह खींवसर के अलावा जगराम बिश्नोई, छैलू सिंह आमला, भागीरथ बेनीवाल सहित अन्य लोग टिकट के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं. यही नहीं ये नेता लगातार जनसंपर्क अभियान कर रहे हैं और प्रत्याशियों से लगातार मुलाकात कर रहे हैं.


कांग्रेस में भी टिकट के लिए मची होड़


आगामी विधानसभा चुनावों के लिए लोहावट से बीजेपी की तरह कमोबेश हालात कांग्रेस के भी हैं. इस सीट पर कांग्रेस के टिकट के लिए मौजूदा विधायक किसनाराम विश्नोई, ओमप्रकाश राव, करण सिंह उचियारड़ा, हनुमान सिंह खांगटा, सत्यनारायण राव, सहित अन्य प्रत्याशी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. 


कृषि पर आधारित है मुख्य व्यवसाय


लोहावट विधानसभा क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा ग्रामीण इलाका है. यहां का मुख्य व्यवसाय कृषि पर आधारित है. इस क्षेत्र में अलग-अलग फसलों की अच्छी पैदावार होती है. हालांकि बिजली की समस्या से यहां के किसान काफी परेशान हैं. वोल्टेज ट्रिपिंग को लेकर लगातार गतिरोध बना रहता है.  


अपराधियों का गढ़


लोहावट विधानसभा सीट को अपराधियों का गढ़ माना जाता है. आपराधिक गतिविधियों और कई कुख्यात गैंगस्टर के कारण ये क्षेत्र हमेशा चर्चा में रहता है. इस क्षेत्र में अवैध हथियार, मादक पदार्थों की तस्करी के साथ गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग, 007 गैंग, 0029 गैंग सहित अन्य कुख्यात गैंग सक्रिय हैं. पुलिस इस क्षेत्र में लगातार अपराधियों पर कार्रवाई कर रही है


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