Rajasthan Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 का बिगुल बजने ही वाला है और कभी भी अचार संहिता लग सकती है. इस बीच सभी राजनीतिक पार्टियां और चुनाव लड़ने के इच्छुक पूरे जोरशोर से तैयारियां कर रहे हैं. ऐसे में पूर्वी राजस्थान का भरतपुर संभाग जो जीतेगा वही सत्ता हासिल करेगा. भरतपुर संभाग में साल 2018 में बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया था और कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. इसके बाद राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी थी.
वहीं डीग की नगर विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां अक्सर गुर्जर समाज के व्यक्ति को अपना प्रत्याशी बनाते है. साल 2008 में कांग्रेस पार्टी ने गुर्जर समाज के अतर सिंह भड़ाना को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा था और भारतीय जनता पार्टी ने अनीता सिंह को चुनाव मैदान में टिकट देकर भेजा था. बीजेपी की अनीता सिंह की जीत हुई थी और कांग्रेस के अतर सिंह भड़ाना चुनाव हार गए थे. साल 2013 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने फिर गुर्जर समाज की अनीता सिंह पर दांव खेला और नगर विधानसभा सीट का टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा. वहीं कांग्रेस पार्टी ने गुर्जर समाज के ही ब्रजेन्द्र सिंह सूपा को टिकट देकर चुनाव में उतारा था.
अब तक किसकी होती आई है जीत?
इसके बाद फिर बीजेपी की अनीता सिंह की जीत हुई थी और कांग्रेस के ब्रजेन्द्र सिंह सूपा चुनाव हार गए थे. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अनीता सिंह को ही तीसरी बार टिकट दिया और कांग्रेस ने गुर्जर समाज के ही मुरारी लाल को टिकट दिया. इस बार भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों को ही नगर विधासभा के मतदाताओं ने नकार दिया और बहुजन समाज पार्टी के वाजिब अली को विजयी बनाकर विधानसभा में भेजा. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के प्रत्याशी तीसरे और चौथे नंबर पर आये थे. दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी नेम सिंह फौजदार रहे थे. नेम सिंह फौजदार साल 2013 के चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे थे और साल 2018 के चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे.
2018 के चुनाव में कांग्रेस चौथे नंबर थी
वहीं नेम सिंह फौजदार इस बार भारतीय जनता पार्टी से टिकट की मांग कर रहे हैं. अगर भारतीय जनता पार्टी टिकट देती है तो बीजेपी से अगर टिकट नहीं देगी तो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. नेम सिंह फौजदार का कहना है कि, नगर विधानसभा क्षेत्र में सभी जातियों के साथ मिलकर उनके सुख दुःख में हमेशा खड़ा रहता हूं और इस बार सभी कौम के वोट मिलेंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फिर से सरकार रिपीट की बात कहते हैं. मुख्यमंत्री मिशन 156 लेकर चल रहे है, लेकिन राजस्थान की कई विधानसभा सीट ऐसी है जहां कांग्रेस के प्रत्याशी लगभग 20 वर्षों से सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाए है.
अब ऐसे कैसे कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी. भरतपुर संभाग के डीग जिले की नगर विधानसभा सीट की बात करें तो साल 2013 के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी छठे नंबर पर आया थे और साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी चौथे नंबर पर रहे. ऐसे में कांग्रेस के मुख्यमंत्री मिशन 156 की कहते हैं.
क्या है नगर विधानसभा के जातिगत आंकड़े
नगर विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक मुस्लिम समुदाय के मतदाता हैं. नगर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 50 हजार मतदाता मुस्लिम समुदाय के हैं. दूसरे नंबर पर गुर्जर मतदाता आते हैं, गुर्जर मतदाता लगभग 46 हजार और तीसरे नंबर पर जाट मतदाता आते हैं. जाट मतदाता लगभग 40 हजार और एससी के लगभग 35 हजार मतदाता हैं. सैनी समाज के 15 हजार, ब्राह्मण समाज के भी लगभग 15 हजार तो वहीं सिक्ख समाज के 10 हजार, यादव लगभग 8 हजार, वैश्य भी लगभग 8 हजार और मीणा 5 हजार, सैन 5 हजार, प्रजापति 7 हजार मतदाता वोट देकर अपने विधायक को चुनते हैं.
अब साल 2023 विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है, किसके सर पर होगा ताज किसके सर बंधेगा जीत का सेहरा यह देखने वाली बात होगी. कांग्रेस पार्टी इस बार अपना प्रत्याशी वाजिब अली को बना सकती है. वाजिब अली के लिए मुश्किल खड़ी होगी, क्योंकि बहुजन समाज पार्टी का प्रत्याशी भी मुस्लिम समाज का है. बहुजन समाज पार्टी ने खुशीर्द अहमद को अपना प्रत्याशी बनाया है, तो मुस्लिम समाज के वोट आपस में बट जाएंगे. वहीं अगर बीजेपी नेम सिंह फौजदार को टिकट नहीं देती है तो नेम सिंह फौजदार दोनों ही पार्टियों का नुकसान करेंगे और चुनाव जरूर लड़ेंगे.