Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव् 2023 का डंका बज गया है पार्टियां प्रत्याशियों के नामों की लिस्ट जारी कर रही. बीजेपी और कांग्रेस पार्टी द्वारा लिस्ट जारी करने के बाद कई विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों को लेकर विरोध हो रहा है. कांग्रेस पार्टी में कई जगह प्रत्याशी घोषित होने से पहले ही विरोध हो रहा है. भरतपुर शहर  विधानसभा पर अभी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी द्वारा किसी को भी अपना प्रत्याशी नहीं बनाया गया है लेकिन कांग्रेस पार्टी के दो बार जिलाध्यक्ष के पद पर रहे नगर निगम के बोर्ड में उप महापौर गिरीश चौधरी ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बसपा के हठी पर सवार हो गए और अब बसपा पार्टी के  टिकट पर चुनाव लड़ रहे है.
  

 

इसी तरह कामां विधानसभा सीट बीजेपी और कांग्रेस ने अभी किसी भी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. कांग्रेस पार्टी  द्वारा टिकट की घोषणा से पहले ही कामां में जाहिदा खान का विरोध हो रहा है. लोग चाहते हैं की, जाहिदा खान को टिकट न देकर किसी और व्यक्ति को कांग्रेस का टिकट दिया जाए. जब जाहिदा खान कांग्रेस की मीटिंग में दिल्ली पहुंची तो कामां विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने दिल्ली में भी जाहिदा खान का विरोध किया था. 

कामां विधानसभा क्षेत्र के गोपालगढ़ थाना इलाके के अंधवाड़ी गांव में जाहिदा खान का युवाओं ने पुतला फूंका और मुर्दाबाद के नारे लगाए. स्थानीय लोगों का आरोप है की,.

जाहिदा खान जब-जब कामां से विधायक रहीं उन्होंने परिवारवाद को बढ़ावा दिया है. जाहिदा खान पति जलीस खान 2011 में कामां से प्रधान रह चुके हैं. उनकी लड़की डॉ. शहनाज खान कामां पंचायत समिति की प्रधान हैं. उनके बेटे साजिद पहाड़ी से प्रधान हैं. 

 

जाहिदा खान के पिता तैयब हुसैन तीन राज्यों में मंत्री रह चुके हैं. जाहिदा खान 2008 में कांग्रेस पार्टी से विधायक रही. 2013 में  जगत सिंह ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़कर से जाहिदा खान को हराया था . वर्ष 2018 के चुनाव में फिर से जाहिदा खान जीती और कांग्रेस सरकार में मंत्री बनी. जाहिदा खान 2008 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुईं. जाहिदा खान से पहले जाहिदा खान के पिता तैयब हुसैन का कामां से चुनाव लड़ते थे. तैयब हुसैन 1993, 1998 और 2003 में कामां से विधायक रहे. 2003 में वह हार गए और बीजेपी के विधायक बने. पिता की मौत के बाद जाहिदा खान कांग्रेस में शामिल हुईं, और विधायक बनीं.