Rajasthan Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीख में क्यों हुआ बदलाव? यहां जानें बड़ी वजह
Rajasthan Election 2023 date: राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीख में बदलाव किया गया है. बताया जा रहा है कि अलग-अलग संगठनों द्वारा इसकी मांग की जा रही थी.
Rajasthan Election 2023 date: राजस्थान चुनाव की तारीख में बदलाव किय गया है. यहां मतदान 25 नवंबर को होगा. इसके पहले 23 नवंबर को मतदान होना था लेकिन अलग-अलग संगठनों के द्वारा मांग की जा रही थी कि क्योंकि 23 तारीख को देव उठानी एकादशी है और ऐसे में 23 नवंबर को बड़ी संख्या में शादियां हो सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए तारीखों में बदलाव किया जाए.
बता दें कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) ने सोमवार राजस्थान विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान किया था. राज्य की 200 सीटों पर वोटिंग 23 नवंबर को होने वाली थी लेकिन विभिन्न संगठनों की ओर से उठाई जाने वाली मांग को देखते हुए चुनाव की तारीख में बदलाव कर दिया गया है.अब राजस्थान में विधानसभा का चुनाव आगामी 25 नवंबर को होगा.
23 नवंबर को राजस्थान में होंगी 50 हजार से अधिक शादियां
राजस्थान में 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी के शुभ अवसर पर 50,000 से अधिक शादियां होने की संभावना है.शादी विवाह के व्यापार से जुड़े लोगों के अनुसार देवउठनी एकादशी के पावन पर्व पर प्रदेश में 50 हजार से अधिक शादियां होने की संभावना है. देवउठनी एकादशी के दिन को शादियों के लिए सबसे पसंदीदा अवसर माना जाता है. यह शादी के मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक है.
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और पाली सांसद पीपी चौधरी ने लिखा था पत्र
तारीख में बदलाव के पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार को लिखे पत्र में सांसद चौधरी ने बताया कि आयोग द्वारा राजस्थान विधानसभा चुनाव की मतदान की तिथि 23 नवम्बर, 2023 तय की गई है. आपके संज्ञान में लाना चाहूंगा कि इस दिन संस्कृति एवं धार्मिक श्रद्धा से जुड़ा बहुत ही बड़ा पर्व ‘देव उठनी एकादशी’ है. यह पर्व पूरे देशभर में मनाया जाता है, लेकिन राजस्थान में इसका बहुत प्रभाव है. प्रदेश में ‘अबूझ सावे’ के रूप में यह पर्व विख्यात है.
समारोह छोड़कर वोटिंग करने शायद ही जा पाएं
पत्र में लिखा- 'लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर रिश्तेदारों के घर जाते हैं. विवाह के एक दो दिन पहले एक दूसरे के गांव घर जाते हैं. वहीं जिनके यहां शादी है, वो तैयारियों में उलझे रहेंगे. ऐसे में दोनों ही सूरत में वो कामकाज या समारोह छोड़कर वोटिंग करने शायद ही जा पाएं. यह समस्या लाखों लोगों के सामने आएगी'. सांसद चौधरी ने लिखा 'एक तरफ चुनाव आयोग एवं हम सभी का दायित्व रहता है कि वोटिंग प्रतिशत बढ़े. लोकतंत्र के पावन उत्सव में आमजन एक बड़ी भागीदारी कर भारतीय लोकतान्त्रिक व्यवस्था को मजबूत करें.'
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