Rajasthan Election 2023: हनुमान बेनीवाल का दावा- '100 सीटों देंगे कड़ी टक्कर', सचिन पायलट पर कही ये बात
Rajasthan Elections 2023: आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान कुल 200 सीट में से लगभग 100 सीट पर कड़ी टक्कर देने की उम्मीद कर रही है.
Rajasthan Assembly Election 2023: राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के संयोजक हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान कुल 200 सीट में से लगभग 100 सीट पर कड़ी टक्कर देने की उम्मीद कर रही है. बेनीवाल ने यह भी कहा कि आरएलपी चुनाव पूर्व गठबंधन के लिए भाजपा और कांग्रेस के अलावा अन्य दलों के साथ बातचीत कर रही है.
राजस्थान की सभी 200 विधानसभा सीट के लिए 25 नवंबर को मतदान होगा और वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी. बीजेपी ने अब तक 41 सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा की है, लेकिन कांग्रेस की ओर से अभी तक उम्मीदवारों की सूची नहीं जारी की गई है.
बीजेपी व कांग्रेस के विकल्प खोज रहे बेनीवाल
हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने कहा, 'मैं एक चुनावी गठबंधन बनाने के लिए अन्य समान विचारधारा वाली पार्टियों के संपर्क में हूं, जो बीजेपी और कांग्रेस के विकल्प के रूप में उभरेगा. हम किसानों और युवाओं, भ्रष्टाचार और प्रश्नपत्र लीक के मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे. मुझे उम्मीद है कि अधिकांश नए मतदाता आरएलपी को वोट देंगे. किसानों और अग्निपथ योजना के प्रति उदासीनता को लेकर भाजपा के खिलाफ भारी नाराजगी है. सेना भर्ती की तैयारी कर रहे लाखों युवाओं में मोदी सरकार के खिलाफ गुस्सा है.'
इसके अलावा बेनीवाल ने कहा कि वह विधानसभा चुनाव भी लड़ेंगे लेकिन अभी सीट पर फैसला नहीं लिया गया है. आरएलपी शेखावाटी, मारवाड़ और मेवाड़ क्षेत्र की सीट पर प्रमुखता से ध्यान केंद्रित करेगी. उन्होंने कहा, 'मुझे नागौर, सीकर, झुंझुनूं, जोधपुर, बाड़मेर, पाली, भरतपुर, करौली, उदयपुर, बीकानेर जैसे जिलों में लगभग 100 सीट पर करीबी मुकाबला होने की उम्मीद है.'
इस बार आरएलपी 100 सीटों पर देगी टक्कर
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में आरएलपी ने 57 सीट पर चुनाव लड़ा था. जाट नेता ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस नेता सचिन पायलट को अपनी पार्टी शुरू करने और उनके साथ हाथ मिलाने का सुझाव दिया है. उन्होंने दावा किया कि अगर पायलट ने एक पार्टी बनाई होती और आरएलपी के साथ गठबंधन किया होता, तो वे साथ मिलकर काफी संख्या में सीट जीत सकते थे.
बेनीवाल ने यह भी कहा कि युवा इस बार पायलट को वोट नहीं देंगे क्योंकि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कांग्रेस सरकार ने कुछ नहीं किया. उन्होंने युवाओं के मुद्दों के बारे में बात की लेकिन जब सरकार ने इस साल छात्र संघ चुनाव नहीं कराने का फैसला किया तो उन्होंने कुछ नहीं कहा. अधिकांश नए मतदाता आरएलपी को वोट देंगे.
बेनीवाल का बीजेपी पर हमला
बीजेपी पर हमला करते हुए बेनीवाल ने आरोप लगाया कि केंद्र में बीजेपी नीत सरकार राजनीतिक कारणों से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दुरुपयोग कर रही है. उन्होंने कहा कि संघीय एजेंसी द्वारा छापे के नतीजे सार्वजनिक किए जाने चाहिए. बेनीवाल ने नागौर की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा का जिक्र करते हुए दावा किया और कहा कि, ऐसे कई नेता हैं जो ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग के डर से भाजपा में शामिल हो गए हैं.
बता दें, दशकों से नागौर में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली रहे मिर्धा परिवार से आने वाली ज्योति मिर्धा पिछले महीने कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुई थीं. आरएलपी नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि, उनके ससुराल वालों का परिवार ईडी के रडार पर था, इसलिए वह भाजपा में शामिल हो गईं.
बेनीवाल की 'सत्ता संकल्प यात्रा'
बेनीवाल ने पिछले महीने चूरू के सालासर बालाजी मंदिर से अपना चुनाव अभियान 'सत्ता संकल्प यात्रा' शुरू किया था और वह विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में सार्वजनिक बैठकें और रोड शो कर रहे हैं. उनकी यात्रा का तीसरा चरण सोमवार को शुरू होगा और इस दौरान बेनीवाल नागौर, झुंझुनूं, सीकर और नीम का थाना जिलों के विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे.
भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी मीणा के इस आरोप पर कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की पूर्व नेता स्पर्धा चौधरी प्रश्नपत्र लीक मामलों में शामिल थीं, बेनीवाल ने कहा कि वह अब उनकी पार्टी से जुड़ी नहीं हैं और दो साल से अधिक समय से उनके संपर्क में नहीं हैं. बेनीवाल ने कहा, 'किरोड़ी लाल जिस व्यक्ति के बारे में बात कर रहे हैं, वह अब आरएलपी से जुड़ी नहीं हैं. वह (स्पर्धा चौधरी) पहले कांग्रेस में थीं और जब 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस से टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने आरएलपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और हार गईं. वह अब मेरी पार्टी से जुड़ी नहीं हैं.'
स्पर्धा चौधरी पर बेनीवाल का बयान
एक संवाददाता सम्मेलन में शुक्रवार को किरोड़ी मीणा ने आरोप लगाया था कि स्पर्धा चौधरी प्रश्नपत्र लीक मामलों में शामिल थीं और दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय ने उनसे संबंधित परिसरों की तलाशी ली थी. आरएलपी नेता ने आरोप लगाया, 'किरोड़ी मीणा का दर्द यह है कि उन्हें केंद्र में मंत्री नहीं बनाया गया. क्या मैं उन्हें मंत्री बनाऊंगा? उन्होंने हनुमान बेनीवाल को भाजपा के करीब लाने का 'ठेका' लिया होगा.'
बेनीवाल 2008 में भाजपा के टिकट पर चुने गए और 2013 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते. उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव से पूर्व आरएलपी पार्टी का गठन किया था और तीन सीट पर विजय प्राप्त की थी. बेनीवाल के 2019 में भाजपा के साथ गठबंधन करके नागौर से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद नागौर की खींवसर विधानसभा सीट रिक्त हो गई थी जिस पर उनके भाई नारायण बेनीवाल ने उपचुनाव में इस सीट पर जीत हासिल की.
ये भी पढ़ें: Rajasthan Survey: राजस्थान चुनाव में सांसदों को उतारने से BJP में शुरू हुई बगावत से कितना नुकसान? सर्वे ने किया हैरान