Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर भंवरी देवी अपहरण और हत्याकांड मामले कि एंट्री हो चुकी है. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने पेपर लीक मामले में CBI जांच की मांग करते हुए भंवरी देवी हत्याकांड की याद दिलाई और पुराने जख्मों को कुरेदते नजर आए. ये वो कांड था, जिसने तत्कालीन कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को संकट में डाल दिया था.


भंवरी देवी कांड में तत्कालीन मंत्री महिपाल मदेरणा और लूणी विधायक बाबू मलखान सिंह विश्नोई फंस चुके थे. दोनों के खिलाफ CBI जांच हुई थी. इन नेताओं को जेल भी जाना पड़ा था. कई साल जेल में रहने के बाद अब सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. 


जानिए क्या है भंवरी देवी का मामला? अशोक गहलोत के बतौर मुख्यमंत्री दूसरे कार्यकाल (2008-2013) में मंत्री महिपाल मदेरणा, विधायक बाबू मलखान सिंह, इंदिरा बिश्नोई पर एएनएम भंवरी देवी का अपहरण और हत्या का सनसनीखेज आरोप लगा.


भंवरी देवी कांड ने कराई थी अशोक गहलोत सरकार की किरकिरी


1 सितंबर 2011 को एएनएम भंवरी देवी गायब हो गई. हाई प्रोफाइल मामला होने के कारण जांच सीबीआई को सौंप दी गई. सीबीआई ने जांच के बाद भंवरी देवी का अपहरण और हत्या का मामला दर्ज किया था. पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और पूर्व विधायक मलखान सिंह सहित कुल सत्रह आरोपी बनाये गये थे. उनके खिलाफ अनुसूचित जाति जनजाति कोर्ट में मामला चला. इंदिरा विश्नोई को छोड़कर सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया. भंवरी देवी बवंडर से तत्कालीन गहलोत सरकार संकट में आ गई. राजस्थान में दो बड़े घराने की वजह से तत्कालीन सरकार के लिए भी मुश्किलों भरा समय था.


मंत्री मदेरणा, पूर्व विधायक मलखान सिंह विश्नोई का था अवैध संबंध


1 सितंबर 2011 को मामला सामने आने के बाद राजस्थान पुलिस कुछ खास नहीं कर पाई. सीबीआई ने 2012 में जांच शुरू कर आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश कर दी. सीबीआई की ओर से कुल 298 गवाहों की सूची पेश की गई और जून 2014 में मामले का ट्रायल शुरू हुआ. करीब पौने दो साल तक चले मामले में सीबीआई की ओर से 98 गवाहों ने बयान करवाये. जोधपुर के सरकारी अस्पताल में भंवरी देवी एक नर्स थी. तत्कालीन मंत्री मदेरणा, पूर्व विधायक मलखान सिंह विश्नोई के साथ कथित तौर पर अवैध संबंध थे. भंवरी देवी की मांग से तंग आकर दोनों ने पीछा छुड़ाने की एक साथ साजिश रची.


लापता भंवरी देवी को मारकर शव आग के हवाले कर दिया गया. भंवरी देवी के अवशेष जोधपुर में नहर के गड्ढे से बरामद हुए. पति अमरचंद ने महिपाल मदेरणा और विधायक बाबू मलखान सिंह के इशारे पर साजिश को अंजाम देने का आरोप लगाया. महिपाल मदेरणा अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार में जल संसाधन मंत्री थे. बाद में सीबीआई ने अमरचंद को भी लिप्त पाया. सीबीआई ने अमर चंद को भी गिरफ्तार कर लिया. भंवरी देवी के साथ मदेरणा की कथित सीडी सार्वजनिक होने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्रिमंडल से हटा दिया. 


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