Rajasthan News: BJP के पूर्व विधायक कैलाश भंसाली का लंबी बीमारी के बाद निधन, जोधपुर से दो बार जीत चुके थे चुनाव
Rajasthan BJP Former MLA Died: बीजेपी पूर्व विधायक कैलाश भंसाली का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. उनकी मौत की खबर सुनकर चुनावी माहौल में बीजेपी कार्यकर्ताओं सहित आम लोगों में गम की लहर दौड़ गई.
Jodhpur News: राजस्थान के जोधपुर शहर विधानसभा सीट से दो बार भारतीय जनता पार्टी से विधायक रहे कैलाश भंसाली का 82 शाल की उम्र में गुरुवार (16 नवंबर) सुबह एमडीएम अस्पताल में निधन हो गया हैं. वह पिछले कुछ समय से बीमारी के चलते उपचार के लिए एमडीएम अस्पताल में भर्ती थे. आम ओ खास में कैलाश भंसाली काका के नाम से पहचाने जाते थे. उनके मौत की खबर के बाद जोधपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में शोक की लहर है. पूर्व विधायक कैलाश भंसाली की अंतिम यात्रा उनके शास्त्रीनगर स्थित आवास से शाम को सिवांची गेट स्वर्गाश्रम तक होगी.
बीजेपी के पूर्व विधायक कैलाश भंसाली पिछले तीन महीने से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे. जिनका इलाज जोधपुर एम्स से हो रहा था. हालांकि पिछले कुछ दिनों से शास्त्री नगर स्थित उनके घर पर ही आईसीयू का निर्माण कर इलाज किया जा रहा था. बुधवार (15 नवंबर) को उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने के बाद, मथुरा दास माथुर हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया था. गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा था, गुरुवार सुबह को उनका निधन हो गया. सीनियर नेता कैलाश भंसाली के मौत की सूचना मिलते ही बीजेपी के कार्यकर्ता सहित बड़ी संख्या में लोग उनके निवास स्थान पर पहुंचने लगे.
स्वास्थ्य बिगड़ने पर भतीजे को दिलाया टिकट
बता दें, पूर्व विधायक कैलाश भंसाली ने अपनी बीमारी के चलते 2018 अपने भतीजे अतुल को पार्टी से टिकट दिलाकर प्रत्याशी बनाया. उस दौरान अतुल भंसाली को कांग्रेस प्रत्त्याशी मनीषा पंवार से हार का सामना करना पड़ा था. इस बार यानी साल 2023 के विधानसभा चुनाव में उनके भतीजे अतुल भंसाली दोबारा चुनाव मैदान में हैं, जहां उनका मुकाबला निवर्तमान विधायक मनीषा पंवार से होगा.
1960 से सभी चुनाव में शामिल रहे कैलाश भंसाली
कैलाश भंसाली ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कॉलेज के दिनों से हुई. वे 1958 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय सदस्य बने, इसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य रहे. 1961 में एसएमके कॉलेज जोधपुर के छात्र संघ के सचिव बने. 1964 में वे जोधपुर विश्वविद्यालय के छात्र संघ के महासचिव बने. 1977-78 तक कैलाश भंसाली जनता पार्टी जोधपुर के जिला सचिव रहे. साल 2005 में वह राजस्थान बीजेपी की राज्य इकाई के कोषाध्यक्ष बने. वह 1960 से जोधपुर के सभी सार्वजनिक चुनावों में शामिल रहे हैं.
साल 2008 के राजस्थान राज्य विधानसभा चुनाव में पहली बार सक्रिय राजनीति से जुड़कर उन्होंने शहर विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी के रुप में लड़ा और उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के जुगल काबरा को 8,500 से अधिक मतों से हराया. साल 2013 के राजस्थान विधानसभा चुनावों में उन्हें शहर विधानसभा से बीजेपी का प्रत्याशी बनाया गया, इस दौरान उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सुपारस भंडारी को 14,500 से अधिक मतों से हराया. लगातार दस वर्षों तक सक्रिय राजनीति से जुड़े रहे, अपनी सहजता और सरलता स्वभाव के कारण वह काफी लोकप्रिय थे. वह हमेशा विवादों से दूर रहे.
कैलाश बंसल को मिल चुका है राष्ट्रीय पुरस्कार
पेशेवर तौर पर कैलाश भंसाली आईसीएआई जोधपुर चैप्टर के सक्रिय सदस्य रहे हैं. वह कई वर्षों तक जोधपुर चैप्टर के अध्यक्ष रहे हैं. उन्होंने मारवाड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, टैक्स बार एसोसिएशन सहित जोधपुर में कई वरिष्ठ पदों पर भी काम किया. राजस्थान कर सलाहकार संगठन, राजस्थान लेखाकार संघ, फिक्की की कराधान समिति में उन्होंने अपनी सेवाएं दी. वह यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया के नामांकित व्यक्ति के रूप में विभिन्न कंपनियों में निदेशक भी रहे थे. कैलाश बंसल जोधपुर शहर में वकालत की प्रैक्टिस भी की. राजस्थान में प्राकृतिक आपदा के दौरान कैलाश भंसाली के महत्वपूर्ण और काबिले जिक्र योगदान के लिए भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने 1992 में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया था.
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