Rajasthan Election: ज्योति मिर्धा के सीएम गहलोत पर गंभीर आरोप, कहा- 'हनुमान बेनीवाल की पार्टी खड़ी की, अब पायलट गुट के खिलाफ...'
Rajasthan Politics: कांग्रेस छोड़कर BJP में शामिल हुईं ज्योति मिर्धा ने कहा कि जब कभी हमने सीएम और सरकार को किसी मुद्दे पर मिलने की कोशिश की तो वहां कांग्रेस की अनदेखी हुई और RLP के कहने पर काम हुए.
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का साथ छोड़ बीजेपी में आईं नागौर से पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा (Jyoti Mirdha) ने अब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के मुखिया हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) और सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पर जोरदार हमला बोला है. ज्योति मिर्धा ने विधानसभा चुनाव 2023 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल पर मिलीभगत का बड़ा आरोप लगाया है. साथ ही पूर्व सांसद का कहना है कि अशोक गहलोत ने हमेशा से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को आगे बढ़ाया है और अब भी बढ़ा रहे हैं.
दरअसल, ज्योति मिर्धा ने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कहा कि, सीएम अशोक गहलोत आने वाले विधानसभा चुनावों में हरीश चौधरी, दिव्या मदरेणा और सचिन पायलट गुट के लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के उम्मीदवार खड़े करवाएंगे ताकि उन्हें चुनाव में शिकस्त दी जा सके. ज्योति मिर्धा ने आगे बताया कि, सचिन पायलट और उनके गुट के लोगों के साथ पार्टी के अंदर सौतेला व्यवहार किया जा रहा था. वह चीज ऊपर तक पहुंची हुई है, शायद उस पर संज्ञान भी लिया गया. इस वजह इसबार टिकट बंटवारे का काम हाईकमान स्तर पर किया जा सकता है.
'नागौर की स्थिति किसी से छुपी नहीं है'
वहीं बीजेपी ज्वाइन करने के सवाल पर ज्योति मिर्धा ने कहा कि, मैं ईमानदारी से काम कर रही थी, दो चुनाव लड़ी, लेकिन मोदी लहर की वजह से हार गई. जो हमारी सरकार थी, वही हमारा साथ नहीं दे रही थी. हमारे कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया जा रहा था. अगर सरकार किसी और की हो तो समझ आता है लेकिन जब खुद की सरकार होते हुए भी आप अपने लोगों के काम नहीं करवा सकते हैं तो ये किसी भी लीडर के लिए अच्छी स्थिति नहीं है. ऐसे में बीजेपी नेताओं की तरफ से मुझसे संपर्क किया गया और मैंने बीजेपी ज्वॉइन कर ली. नागौर के क्या हालात हैं ये सभी को पता हैं.
'हनुमान बेनीवाल के भाई को 22 करोड़ का बजट अलॉट हुआ'
वहीं सीएम गहलोत और हनुमान बेनीवाल पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए ज्योति मिर्धा ने कहा कि, सरकार के मुखिया के इशारे के बगैर प्रदेश में कुछ भी हो पाना संभव नहीं होता है. जब कभी हमने सीएम और सरकार को किसी मुद्दे पर बात करनी चाही तो तो वहां कांग्रेस को नजरअंदाज किया गया, जबकि आरएलपी के कहने पर काम हो गए. मिर्धा ने ये भी कहा कि डीएमएफटी फंड का पैसा जितना मुख्यमंत्री के करीबी महेंद्र चौधरी को मिला है, उसके बराबर ही पैसा 22 करोड़ रुपये हनुमान बेनीवाल के भाई को मिला है. इससे जाहिर होता है कि इसके पीछे कोई नेता है.