Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में वैसे तो हर संभाग और जिले का अपना ही महत्व है, लेकिन कोटा (Kota) ऐसा संभाग हैं जहां राजनीति यहां की धरा में रची बसी है. कोटा संभाग का हमेशा से ही दबदबा रहा है. कांग्रेस की बात हो या बीजेपी की दोनों ही पार्टियों ने कोटा को कई बड़े मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष और सीएम तक दिए हैं. कोटा जिले की छबड़ा विधानसभा बीजेपी का गढ़ रही है. यहां अधिकांश बार बीजेपी को बढ़त मिली है. भैरोसिंह शेखावत 1977 में छबड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे. वह यहां से जीते और मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे.
भैरोसिंह शेखावत ने 1977 से 1980, 1990 से 1992 और 1993 से 1998 तक तीन बार मुख्यमंत्री रहे, इसके बाद उप राष्ट्रपति बने. इसी तहर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी कोटा संभाग से दो बार चुनाव लड़ी थीं. वसुंधरा राजे 2003-2008 और 2013-2018 तक मुख्यमंत्री रही. इस बार भी बीजेपी ने वसुंधरा राजे को झालरापाटन से मैदान में उतारा है. वहीं कोटा के स्टेशन क्षेत्र निवासी भुवनेश चतुर्वेदी ने कभी चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन वह केन्द्र में मंत्री बने. भुवनेश चतुर्वेदी नरसिम्हा राव के शासन काल में मंत्री रहे.
कोटा ने दिए कई दिग्गज मंत्री
इसके साथ ही कोटा ने कई दिग्गज मंत्री भी दिए, जिसमें ललित किशोर चतुर्वेदी ने कोटा को बहुत कुछ दिया. इसके साथ ही हरि कुमार औदिच्य, रघुवीर सिंह कौशल, प्रताप सिंह सिंघवी, मदन दिलावर, बाबुलाल वर्मा, अनंग कुमार जैन मंत्री रहे. वहीं कांग्रेस में रिखब चंद धारीवाल, शांति धारीवाल, प्रमोद जैन भाया, भरत सिंह, रामकिशन वर्मा, अशोक चांदना, हरिमोहन शर्मा, रामचरण, हरिशचंद, चतुर्भुज नागर, इकबाल अहमद सहित कई और भी मंत्री बने.
राजस्थान में 25 नवंबर को वोटिंग