Rajasthan Election 2023: राजस्थान में अगस्त का महीना चुनावी सरगर्मी वाला होने वाला है. क्योंकि, अब यहां कांग्रेस के प्रमुख नेताओं के दौरे शुरू होने वाले हैं. जुलाई में राजस्थान कांग्रेस के संगठन में नियुक्तियां हो गई हैं. अब सरकार को लेकर चर्चा है. सूत्र बता रहे हैं कि कुछ मंत्रियों के विभागों और मंत्रालयों में फेरबदल हो सकता है. इसके लिए अगस्त के प्रथम सप्ताह में सबकुछ हो जायेगा. जिस तरह से छत्तीसगढ़ में संगठन और सरकार में बदलाव हुए हैं वैसे ही कुछ यहां पर सरकार में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं.


बिना इसके यहां पर कांग्रेस आलाकमान आना नहीं चाह रहा है. क्योंकि, कुछ दिग्गज नेताओं में जो नाराजगी है उसे पूरी तरह से खत्म किया जाए. अभी इसी के प्रयास किये जा रहे हैं. अगस्त बेहद निर्णायक महीना साबित हो सकता है. 


केंद्रीय लिस्ट और यहां पर असर 


राजस्थान कांग्रेस में अंदर खाने कई तरह की सुगबुगाहट हैं. अभी केंद्रीय लिस्ट आने की चर्चा है. जिसमें राजस्थान के कई नेता केंद्रीय लिस्ट में जगह पा सकते हैं. ऐसे में जिन्हें जगह मिलेगी वो यहां पर सरकार में रह चुके हैं. उनके जाने के बाद से यहां सरकार में बड़े फेरबदल हो सकते हैं. इसके लिए पूरी कसरत की जा रही है. कुछ लोगों को प्रदेश की टीम से भी बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. कई राज्यों के प्रभारी भी राजस्थान से बनाये जाने की तैयारी हो रही है. 


इन नेताओं के सबसे अधिक दौरे 


कांग्रेस के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि राजस्थान के चुनाव में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के सबसे अधिक दौरे होंगे. यहां पर कांग्रेस के नेताओं में उनकी ज्यादा मांग हो रही है. हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे अगस्त माह के पहले सप्ताह में राजस्थान आ सकते हैं. पूर्व प्रभारी अविनाश पांडेय, रणदीप सिंह सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, मुकुल वासनिक, केसी वेणुगोपाल, प्रियंका गाँधी, अजय राय, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपेंद्र सिंह हुड्डा,  मो अजहरुद्दीन, इमरान प्रतापगढ़ी के खूब दौरे यहां पर हो सकते हैं. शुरुआत राहुल गाँधी,  मल्लिकार्जुन खरगे और डीके शिवकुमार के साथ की जा सकती है. 


सरकार में फेरबदल की चर्चा 


अशोक गहलोत सरकार में एक धड़ा मंत्रिमंडल में फ़ेरबदल चाहता है और एक धड़ा इसके पक्ष में नहीं है. वहां पर कई प्रभावशाली नेता मंत्री होने के बावजूद निराश हैं. वो अपने हिसाब से काम नहीं कर पा रहे है. उन्हें लगता है उनका विभाग चेंज हो जाये तो काम अच्छा कर सकते हैं. कई मंत्री अब चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं. इसलिए उनकी जिम्मेदारी युवा चेहरों को पार्टी देना चाहती है. इसलिए बदलाव की चर्चा हो रही है. सूत्रों का कहना है कि इस मसले पर आलाकमान से हरी झंडी मिलना बाकी है. 


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