Rajasthan Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के 41 प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद कई विधानसभा क्षेत्रों में विरोध शुरू हो गया है. डीग जिले की नगर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने जवाहर सिंह बेढम को चुनावी मैदान में उतारा है. ऐसे में टिकट की घोषणा होते ही पार्टी में विरोध भी शुरू हो गया. इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी से नगर विधानसभा सीट पर दो बार विधायक रही अनीता सिंह ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए बीजेपी के प्रत्याशी जवाहर सिंह को टिकट देने का विरोध किया है.
दरअसल, साल 2008 के विधानसभा चुनाव में और साल 2013 के विधानसभा चुनाव में अनीता सिंह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंची थी. वहीं साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी अनीता सिंह की हार हुई थी. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में अनीता सिंह तीसरे स्थान पर आई थी. ऐसे में इसबार भी अनीता सिंह बीजेपी के टिकट पर दावेदारी कर रही थी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने टिकट जवाहर सिंह बेढम को दिया है.
अनीता सिंह ने क्या कहा?
बीजेपी की पूर्व विधायक अनीता सिंह ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि, नगर विधानसभा से मुझे बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर पूरे विधानसभा से हजारों की संख्या में फोन आ रहे हैं कि, मुझे चुनाव लड़ना चाहिए. मैं आपकी भावनाओं का सम्मान करती हूं. अभी मैं जयपुर में हूं कल शाम को आप सब के बीच रहूंगी, फिर आप जो कहेंगे आपका आदेश सर आंखों पर. उन्होंने आगे लिखा कि, मुझे दूर करके बीजेपी ने जिसे टिकट दिया है, उसकी जमानत जब्त होगी. हमने नगर में कांग्रेस के कुशासन और भ्रष्टाचार व तुष्टीकरण के खिलाफ पिछले पांच साल से लगातार आंदोलन और यात्राओं के जरिये जनता की आवाज बुलंद की है.
नगर विधानसभा में गुर्जर समाज के ज्यादा वोट
अब आगामी 40 दिनों में इस लय को और अधिक धार देते हुए जनता के बीच परिवर्तन की लहर इतनी प्रचंड बनाएंगे कि, तुष्टीकरण नाम की बिमारी जड़ से ख़त्म हो जाए. बता दें कि, अगर अनीता सिंह चुनाव लड़ती है तो बीजेपी प्रत्याशी जवाहर सिंह बेढम की मुश्किलें बढ़ सकती है क्योंकि, अनीता सिंह दो बार विधायक रह चुकी हैं और गुर्जर समाज से भी आती हैं. गुर्जर समाज में अनीता सिंह की पकड़ भी अच्छी है. नगर विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के बाद दूसरे नंबर पर गुर्जर समुदाय के ही वोट आते हैं. नगर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 46 हजार मतदाता है. अभी तक भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही पार्टिया अपना प्रत्याशी गुर्जर समाज के व्यक्ति को ही बनाते आये हैं.
कांग्रेस ने अभी तक नहीं जारी की लिस्ट
वहीं भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता नेम सिंह फौजदार भी बागी बनकर चुनाव लड़ेंगे. नेम सिंह फौजदार नगर विधानसभा क्षेत्र में अपनी अलग ही पहचान रखते हैं. नेम सिंह फौजदार नगर विधानसभा सीट पर तीन बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. साल 2013 के चुनाव में नेम सिंह फौजदार तीसरे नंबर पर आये थे और 2018 के चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी को पीछे छोड़ते हुए दूसरे नंबर पर आये थे. नेम सिंह फौजदार का कहना है कि, पांच साल से लगातार विधानसभा क्षेत्र में रहकर मेहनत की है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को ज्वॉइन किया था, यह सोचकर की बीजेपी की रीति नीति अच्छी है, लेकिन पांच साल मेहनत करने का यह नतीजा मिला है. टिकट लगभग 40 हजार से अधिक वोटों से हारे हुए व्यक्ति को दिया गया है.
ऐसे में अब अगर अनीता सिंह और नेम सिंह फौजदार चुनाव लड़ते है तो बीजेपी प्रत्याशी जवाहर सिंह बेढम की मुश्किलें बढ़ जाएंगी. अभी कांग्रेस का टिकट फाइनल नहीं हुआ है. वहीं बसपा ने अपने प्रत्याशी के रूप में नगर विधानसभा से खुर्शीद अहमद को उतारा है. 2018 के चुनाव में नगर विधानसभा क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस-बीजेपी दोनों से किनारा करते हुए बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी वाजिब अली को जिताकर कर विधानसभा में भेजा था, लेकिन वाजिब अली ने कांग्रेस में विलय कर लिया था. अब राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा यह देखने वाली बात होगी.
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