Rajasthan Election 2023 News: राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसे लेकर कांग्रेस ने जिलाध्यक्षों की नियुक्ति कर पूरी तरह से मैदान में उतार दिया है. उन्होंने प्लानिंग कर चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है. वहीं बीजेपी भी पीछे नहीं रही है, पार्टी की तरफ से प्रदेश भर के विधानसभा प्रभारी नियुक्त किया गया है. उदयपुर संभाग की बात करें तो कुछ जगह जातिगत समीकरण देखे हैं तो कुछ जगह वरिष्ठों को सम्मान दिया गया है.


वहीं विधायक पद के लिए दावेदारी को भी खत्म किया है. चर्चाएं हैं कि जो विधायक के लिए दावेदारी कर रहे थे उनको प्रभारी नियुक्त कर एक विधानसभा का जिम्मा दे दिया है. इससे पार्टी में जो अंदरूनी कलह मची हुई थी वह कुछ हद तक समाप्त की है.


सूची में दो बड़ी बातें जो चर्चा का विषय बनी 

 

उदयपुर संभाग यानी मेवाड़ की कहे जाने वाली 28 विधानसभा के लिए बीजेपी ने 28 विधानसभा प्रभारी नियुक्त किए हैं. इसमें दो बातें चर्चाओं का विषय बनी हुई है. पहली तो यह कि उदयपुर जनजाति क्षेत्र है और पार्टियां आदिवासी वोटरों को लुभाने के लिए भरकस प्रयास कर रहे हैं.

 

वहीं इस 28 की सूची में सिर्फ एक आदिवासी समाज से प्रभारी नियुक्त किया है. वह है बांसवाड़ा के बागीदौरा विधानसभा में प्रभारी पूर्व जिलाध्यक्ष सूर्या अहारी. दूसरी बड़ी बात यह चर्चा में है कि विधानसभा में कई ऐसे नेता हैं जो विधायक टिकट के लिए अंदर ही अंदर दावेदारी कर रहे थे उन्हें प्रभारी का जिम्मा देकर दावेदारी खत्म कर दी है. उदयपुर की बात करें तो अलका मूंदड़ा, शांतिलाल चपलोत, दिनेश कांवड़िया, खुबीलाल पालीवाल सहित अन्य है जिनकी चर्चाएं है कि दावेदारी जता रहे थे.

28 विधानसभा में यह है जातिगत गणित

 

वैसे तो कुछ मुख्य सीटों को छोड़ दिया जाए तो शेष सीटों पर जनजातीय समाज का ही प्रभुत्व है. फिर भी पार्टियां सामान्य वर्ग को रिझाकर सीट जीतने के प्रयास में लगी रहती है. ऐसे में हम अगर बीजेपी के विधानसभा प्रभारी की सूची को देखे तो इसमें जाट, डांगी, राव, कुमावत, धाकड़, पाटीदार और आदिवासी समाज से एक - एक प्रभारी है, 5 राजपूत, 8 ब्राम्हण, 8 जैन समाज से है. वहीं पदों की बात करे तो पूर्व विधायक, पूर्व जिला उपाध्यक्ष, संगठन मंत्री, प्रधान, पूर्व जिला प्रमुख सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर आसीन और रह चुके नेताओं को जिम्मा दिया है.