Rajasthan: 'बूंदी के 63 गांव की सहमति के बिना लाया गया केडीए बिल बर्दाश्त नहीं,' सरकार से आर-पार की लड़ाई, जानें पूरा मामला
Rajasthan News: कोटा, बूंदी और बारां में केडीए का विरोध धीरे-धीरे तेज होता जा रहा है. सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष भी तीखे तेवर दिखा रहा है. इसे लेकर कई आरोप यूडीएच मंत्री और सरकार पर लग चुके हैं.
Kota News: कोटा, बूंदी और बारां में केडीए का विरोध धीरे-धीरे तेज होता जा रहा है. सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष भी तीखे तेवर दिखा रहा है. इस बिल को बनाने और पास करने तक कई आरोप यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और सरकार पर लग चुके हैं. सत्ताधारी विधायक भरत सिंह तो खुलकर सामने आए हैं और बारां के गांव को केडीए में शामिल किए जाने का विरोध किया है.
वहीं बूंदी में भाजपा नेता रुपेश शर्मा ने केडीए के विरोध में जन जागरण अभियान शुरू किया और कहा कि 63 गांवों की सहमति के बिना लाया गया बिल बर्दाश्त नहीं है और इसे रद्द करना होगा नहीं तो आर पार की लडाई लडेंगे. उन्होंने जिला कलक्टर के माध्यम से सरकार को सात दिन का समय दिया है. उसके बाद आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी. केडीए बिल के विरोध में बूंदी कलेक्ट्रेट पर बरड के ग्रामीणों का विशाल प्रदर्शन हुआ.
सात दिन का दिया अल्टीमेटम उसके बाद आंदोलन
बूंदी जिले के ग्रामीणों की सहमति लिए बिना तैयार कर पेश किए गए केडीए बिल को लेकर लोगों में रोष है. बिल में शामिल किए गए बूंदी जिले के अंतिम छोर के गांव तक पहुंच गया है. डाबी बरड क्षेत्रवासी बूंदी हायर सेकंडरी स्कूल में एकत्रित हुए जहां से रैली निकालकर केडीए का विरोध किया.
बूंदी की एक इंच जगह नहीं जाने देंगे
केडीए भगाओ बूंदी बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक रुपेश शर्मा ने कहा कि ये बिल कोटा निवासी प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने तैयार कराया एवं पेश करने से लेकर पारित कराने में जिस तरह से सदन में व सड़क पर सत्ताधारी विधायकों के विरोध को दरकिनार कर आनन फानन में बिल पारित किया है, उसे लेकर 63 गांव सहित संपूर्ण बूंदी जिले की जनता में गहरा रोष है.
सरकार ने जल्द इस बिल को रद्द नहीं किया तो सात दिन बाद इन सारे 63 गांव की तैयारी बैठक होगी आगे आंदोलन की रूपरेखा और तारीख की घोषणा की जाएगी और बड़ा प्रदर्शन होगा. गांव वासियों को और बंदू जिले को न्याय दिलाने के लिए सरकार से आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी.
सरसब जमीनों पर निगाह गड़ाए हुए हैं यूडीएच मंत्री
नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन भगवान लाड़ला ने कहा कि अगर जोर जबरदस्ती करने की कोशिश की तो बूंदी जिले की जनता आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरेगी और सरकार को उल्टे पैर लौटना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि स्वायत शासन मंत्री शांति धारीवाल बूंदी जिले की सर सब जमीनों पर निगाह गड़ाए हुए हैं और इन जमीनों को केडीए के नाम का इस्तेमाल कर प्रॉपर्टी डीलरों को बेचना चाहते हैं. उनके ये मंसूबे बूंदी जिले की जनता कभी कामयाब नहीं होने देगी.
'आज हमारे घर में आग लगी लगी है कल तुम्हारे घर में आग लगेगी'
लाड़ना ने कहा कि आंदोलन के लिए संपूर्ण बरड वासियों तालेडा तहसील और केशवरायपाटन विधानसभा क्षेत्र के लोगों को संघर्ष के लिए खुलकर मैदान में आना होगा. वरना वे आगे भी अन्य गांवों को अधिगृहित कर लेंगे. आज हमारे घर में आग लगी लगी है कल तुम्हारे घर में आग लगेगी. इसलिए हमें बूंदी जिले को बचाने के लिए एक जुट रखना होगा. प्रदर्शनकारियों द्वारा मुख्य सड़क पर स्वायत शासन मंत्री शांति धारीवाल का पुतला फूंका गया और सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की.
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