Rajasthan Election 2023: राजस्थान के कोटा (Kota) संभाग की 17 विधानसभा में कुछ सीटें ऐसी हैं जहां पर महिलाओं का बोलबाला रहा है. लगातार तीन बार केशवराय पाटन से वसुधरा राजे जीत रहीं हैं, तो तीन बार लगातार चन्द्रकांता मेघवाल भी विधायक बनी हैं. कोटा संभाग की 17 विधानसभा सीटों पर साल 1990 से लेकर 2018 तक यानी करीब तीन दशक के अंतराल पर कोटा संभाग की 17 विधानसभा सीटों पर 69 महिला विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन इनमें से केवल 9 महिलाएं ही जीतकर विधानसभा में पहुंची हैं.


इन 9 महिलाओं में 5 कांग्रेस और 4 बीजेपी की विधायक बनी हैं. पूर्व महिला आयोग की अध्यक्ष रही ममता शर्मा, रमा पायलट, मीनाक्षी चंद्रावत, पूनम गोयल, निर्मला सहरिया, कांग्रेस से जीत चुकी हैं, जबकि बीजेपी से चार विधायक अब तक जीत चुकी हैं, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, चंद्रकांता मेघवाल, कल्पना देवी और स्नेहलता आर्य विधानसभा में पहुंची. वर्तमान में बीजेपी की तीन महिलाएं विधानसभा में कोटा का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. 69 महिलाओं को पार्टियों ने टिकट दिया, जिस पर 9 महिलाएं ही अब तक जीतकर विधानसभा पहुंची है. इनमें सबसे ज्यादा 60,896 वोटो से वसुंधरा राजे सिंधिया ने सबसे बड़ी जीत हासिल की है. 


वसुंधरा राजे व चन्द्रकांता मेघवाल लगातार तीन बार जीती 
बीजेपी की वसुंधरा राजे सिंधिया एवं चंद्रकांता मेघवाल तीन-तीन बार विधानसभा पहुंची है. 2008 से वह लगातार चुनाव जीत रहीं हैं, जबकि कल्पना देवी पहली बार विधानसभा पहुंची है. 9 महिलाओं में से तीन ने सीट और एक ने पार्टी भी बदली. 2003 में कांग्रेस की रमा पायलट ने हिंडोली विधानसभा सीट बदलकर वसुंधरा राजे के सामने झालरापाटन से चुनाव लड़ा था, जहां वह हार गई. इसी प्रकार 2018 में ममता शर्मा ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी से टिकट लिया और वह भी हार गई. उन्होंने पीपल्दा विधानसभा से चुनाव लड़ा और रामनारायण मीणा के सामने हार गई. ममता शर्मा पूर्व में बूंदी से कांग्रेस विधायक रही हैं.


पूरे प्रदेश में अब तक 1,262 महिलाओं ने भाग्य आजमाया
वहीं बीजेपी की चंद्रकांता मेघवाल को रामगंज मंडी से केशोरायपाटन विधानसभा से चुनाव लड़ाया गया और वह वहां पर भी जीत गई. इससे पहले दो बार वह रामगंज मंडी से विधायक रही हैं. प्रदेश की बात करें तो अब तक प्रदेश में 1990 से लेकर 2018 तक 28 साल में प्रदेश की 1,262 महिलाओं ने भाग्य आजमाया है. इनमें से 600 महिलाएं प्रत्याशी ऐसी रही जो जमानत तक नहीं बचा सकी.


हाड़ौती संभाग की कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ में भी इन अवधि में 35 महिलाओं की जमानत जब्त हो चुकी है. 1962 में छाबड़ा व 1972 में दीगोद से नरेंद्र बाला विधायक रह चुकी है. पूर्व महारानी शिव कुमारी 1966 में झालावाड़ जिले से खानपुर की विधायक रही हैं.  



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