PM Modi in Sanwaliya Rajasthan: राजस्थान में विधानसभा चुनाव घोषित होने के पहले नेताओं के लगातार दौरे चल रहे है. इसी क्रम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की चित्तौड़गढ़ जिले स्थित सांवलिया सेठ मंदिर प्रांगण में सभा हुई. यहां उन्होंने कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया. साथ ही पीएम ने कांग्रेस सरकार को भी आड़े हाथों लिया. सरकार बनने के बाद के वादे किए. इस सभा के बाद राजनीतिक विशेषज्ञों की कई राय बन रही है, लेकिन इस सभा के बाद दो महत्वपूर्ण बाते हैं जो राजस्थान की दृष्टि से साफ हो गई है. पहली तो यह को कांग्रेस में अशोक गहलोत चेहरा हैं तो बीजेपी में कौन? वहीं मेवाड़ में सभा के लिए आखिर सांवलिया को ही सभा के लिए क्यों चुना गया. आइए जानते हैं राजनीतिक एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
दरअसल, राजनीतिक विश्लेषक डॉ. कुंजन आचार्य ने बताया कि, सांवलिया सेठ एक बहुत बड़ा धार्मिक स्थल है. एक कारण तो यहां सभा करने का यहीं रहा. वहीं राजनीतिक नजरिए से देखें तो इस जगह का महत्व सिर्फ राजस्थान से ही नहीं जुड़ा हुआ है, यहां के भक्त मध्य प्रदेश के कई क्षेत्र के लोग भी है. साथ ही सांवलिया सेठ ऐसी जगह चुनी गई है, जहां से राजस्थान के मेवाड़ और मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र की विधानसभा सीटों को साधा गया. यहीं नहीं, जो परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया, उससे मध्य प्रदेश की जनता को भी फायदा होगा.
इसके पीछे कारण है कि राजस्थान के विधानसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. सांवलिया सेठ धार्मिक स्थल से मध्य प्रदेश के रतलाम, उज्जैन, मंदसौर, नीमच जिलों के लोग जुड़े हैं. यहां हजारों की संख्या में भक्त रोजाना आते हैं. सांवलिया जी से मात्र 60 किलोमीटर की दूरी पर मध्य प्रदेश शुरू हो जाता है. ऐसे में यह सभा दोनों राज्यों की सीटों को साधने के लिए की गई.
राजस्थान में बीजेपी का चेहरा कौन?
कुंजन आचार्य आगे बताते हैं कि, राजस्थान में लगातार पीएम मोदी की सभाएं चल रही है. सांवलिया के बाद 5 अक्टूबर को जोधपुर में सभा होनी है. ऐसे में देखा जाए कि करीब 4 सभाओं में और परिवर्तन यात्रा में कही पर भी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दिखाई नहीं दे रही है. आलाकमान को लगा हो कि चेहरा नहीं बनना चाहिए, लेकिन वसुंधरा 15 साल से राजस्थान में हैं और मुख्यमंत्री रही हैं.
साथ ही यह भी सही है कि कोई भी पार्टी ऐसा नहीं करेगी कि अचानक चेहरा बदले दे क्योंकि उस पर मेहनत करनी पड़ेगी, लेकिन पिछली दो सभाओं से साफ झलक रहा है कि चुनावी चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं. उनके साथ सिर्फ बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ही सवार थे. मंच पर ने नेता भी थे, लेकिन चेहरा मोदी का ही था.