Rajasthan Election 2023: कोटा की इन 3 सीटों पर आज तक नहीं खुला कांग्रेस का खाता, बाकी तीन पर बदलता है ट्रेंड, जानें समीकरण
Rajasthan Election 2023: कोटा जिले में 6 विधानसभा में से तीन ऐसी हैं परिसीमन के बाद की स्थिति एक ही बनी हुई है. यहां चेहरे तो बदलते हैं लेकिन मतदाता का मूड एक जैसा रहता है.
Kota Assembly Seats: कोटा जिले में 6 विधानसभा हैं जिसमें से तीन विधानसभा ऐसी हैं जहां कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई. परिसीमन के बाद की यह स्थिति लगातार बनी हुई है, जबकि बाकी तीन विधानसभा की बात करें तो यहां एक बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी का ट्रेंड रहा है. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव 2023 (Assembly Elections 2023) में यह ट्रेंड बना रहेगा या मतदाता इस बार कुछ नया करने के मूंड में हैं, यह आने वाली प्रत्याशियों की सूची पर डिपेंड करेगा.
कोटा दक्षिण, लाडपुरा और रामगंजमंडी बीजेपी की अजय सीट
वर्ष 2003 तक कोटा में पांच विधानसभा थी, उसके बाद परिसीमन में एक सीट और बढ गई और कोटा उत्तर व दक्षिण हो गई. उसके बाद से हुए चुनाव में भाजपा ने कोटा दक्षिण, लाडपुरा और रामगंजमंडी विधानसभा में लगातार जीत दर्ज की है. जबकी सांगो, पीपल्दा और कोटा उत्तर विधानसभा में एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा का ट्रेंड रहा है.
खाता खोलना तो दूर बड़े अंतर से हारती है कांग्रेस
कोटा दक्षिण, लाडपुरा और रामगंजमंडी में कांग्रेस ने कई बार चेहरे तो बदले लेकिन मतदाता का मूंड नहीं बदला इसलिए कांग्रेस यहां खाता तक नहीं खोल पाई साथ ही हार भी बड़े अंतर से हो रही है. लाडपुरा में कांग्रेस एक ही परिवार पर भरोसा जता रही है जो हार का कारण बनता चला गया वहीं कोटा दक्षिण में हर बार चेहरा बदलता है लेकिन कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ता है जबकि रामगंजमंडी में भी चेहरा बदलता है लेकिन कांग्रेस बडे अंतर से हार जाती है.
वर्तमान में कोटा दक्षिण से भाजपा के संदीप शर्मा, रामगंजमंडी से पूर्व मंत्री मदन दिलावर और लाडपुरा से कल्पना देवी विधायक हैं. भाजपा ने लाडपुरा और रामगंजमंडी में प्रत्याशी बदले और वह जीत गए जबकी लाडपुरा से मौजूद विधायक रहे भवानी सिंह राजावत का टिकट कटा वहीं रामगंजमंडी की पूर्व मौजूदा विधायक चन्द्रकांता मेघवाल का टिकट बदल दिया गया.
सांगोद, पीपल्दा और कोटा उत्तर में बदलता रहा ट्रेंड
सांगोद विधानसभा की बात करें तो यहां वर्ष 2008 में कांग्रेस की सरकार बनी और यहां से सांगोद विधायक भरत सिंह जीत कर आए और उन्हें मंत्री बनाया गया. जबकी कोटा उत्तर से शांति धारीवाल जीते और यूडीएच मंत्री बने, पीपल्दा से कांग्रेस के प्रेमचंद नागर जीते, इसके बाद वर्ष 2013 में हुए चुनाव में कांग्रेस के तीनो विधायक हार गए. कोटा उत्तर में शांति धारीवाल को प्रहलाद गुंजल ने हराया और सांगोद में भरत सिंह को हीरालाल नागर ने हराया जबकी पीपल्दा से विद्याशंकर नंदवाना जीते. उसके बाद 2018 के चुनाव में यहां कांग्रेस को बढत मिली और कोटा उत्तर से शांति धारीवाल, सांगोद से भरत सिंह और पीपल्दा से राम नारायण मीणा को जीत मिली.
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