कोटा संभाग के साथ प्रदेश की राजनीति में नया अध्याय शुरू हो गया है. कोटा उत्तर के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल एक बार फिर आज सुबह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के कैंप कार्यालय पहुंचे और काफी देर तक मंत्रणा की. प्रहलाद गुंजल बीती रात को भी कैंप कर ले पहुंचे थे और करीब 2 घंटे तक उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से चुनाव को लेकर और उनके टिकट को लेकर मंत्रणा की थी.


उसके बाद रात करीब 12:15 बजे वह उनके कमरे से बाहर आए और मीडिया ने जब उनसे सवाल किया तो वह केवल यह कहते हुए निकल गए कि लोकसभा अध्यक्ष बड़े नेता है उनकी लोकसभा में आठ विधानसभा आती है जिसमें मेरी भी एक विधानसभा है, इसलिए चुनाव को लेकर चर्चा की गई थी. लेकिन आज सुबह फिर वह एक बार लोकसभा अध्यक्ष कार्यालय पहुंचे और बिरला से मुलाकात की. 


सोशल मीडिया पर चर्चाओं की बाढ़ 
इस मुलाकात से पूरे राजस्थान में राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. प्रहलाद गुंजल, वसुंधरा राजे खेमे के माने जाते हैं जबकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से गुंजल की हमेशा से ही दूरियां रही है. शायद ही कोई ऐसा मंच होगा जहां  इन्हें साथ देखा गया हो. मीडिया से बातचीत में गुंजल ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष एक बड़ा पद है और हमारे सांसद हैं इसलिए आठों विधानसभाओं पर चर्चा की गई है.


पार्टी पर विश्वास है कि वह टिकट देगी. सर्वे के आधार पर भी पार्टी को पता है कि कौन जीत सकता है. प्रहलाद गुंजल का लोकसभा अध्यक्ष से मिलना कोटा शहर के हर क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है. सोशल मीडिया पर बाढ़ सी आ गई है ऐसे में इस बार कोटा उत्तर विधानसभा क्षेत्र अपने आप में एक अलग पहचान बनाने जा रही है.


 धारीवाल को दंड देगी जनता
कोटा उत्तर के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि 2013 में हम जीते हैं और 2018 में धारीवाल जी ने झूठ बोला था कि हम 10 दिन में केईडीएल बिजली कम्पनी को कोटा से भगा देंगे. लेकिन नहीं हटा सके, गुंजल ने कहा कि लोग भ्रम में आ गए झूठ बोलकर विश्वास जीतना जीत नहीं होती ठगी होती है. इस बार लोग उसका उन्हें दंड दे देंगे. मैं पिछले 10 वर्षों से लगातार काम कर रहा हूं मुझे विश्वास है कि पार्टी मेरे पक्ष में निर्णय करेगी. अंदर की चर्चा पर उन्होंने कहा कि अंदर की बात नहीं बता सकते. उनके साथ मिलकर विधानसभाओं को जीतने के लिए रणनीति बनानी है. इस पर चर्चा हुई है. 


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