राजस्थान में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं. पूरे राजस्थान ने सबसे दिलचस्प मुकबाला मेवाड़ और वागड़ की 28 विधानसभा पर देखने को मिलेगा. क्योंकि यहां की 17 सीटों पर चतुष्कोणीय मुकाबला होने जा रहा है. भाजपा और कांग्रेस तो है ही इसके अलावा खुद को आदिवासियों की कर्ताधर्ता बताने वाली दो पार्टियां भी मैदान में होगी. एक तो भारतीय ट्राइबल पार्टी और दूसरी भारतीय आदिवासी पार्टी. भारतीय आदिवासी पार्टी शनिवार को ही लॉन्च हुई. इस भारतीय आदिवासी पार्टी के राष्ट्रीय सदस्य बने विधायक राजकुमार रोत पार्टी ने उद्देश्य और आने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति क्या रहेगी सहित अन्य मुद्दों पर मीडिया से खुलकर चर्चा की. 

 

भारतीय आदिवासी पार्टी के राष्ट्रीय सदस्य और विधायक राजकुमार रोत ने कहा कि भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) की बन गई है. राजस्थान और मध्यप्रदेश में जिसकी सरकार बनेगी. इसमें मुख्य भूमिका बीएपी की रहेगी. क्योंकि आज तक इस क्षेत्र से भाजपा और कांग्रेस के नेता चुनकर जरूर गए हैं लेकिन बहुमत के रूप में यहां के लोगों का उपयोग किया जाता था. इस पार्टी के माध्यम से यहां के लोगों को नया नेतृत्व मिलेगा. लोकसभा हो या विधानसभा, दोनों चुनाव लड़े जाएंगे. 

 


पार्टी के मुख्य उद्देश्य यह है कि जनजातीय क्षेत्र के जो संवैधानिक प्रावधान है. वह संवैधानिक प्रावधान धरातल पर लागू हो. यहां की जो ऐतिहासिक पृष्ठभूमि रही है, जिसे कांग्रेस बीजेपी ने दबाने का काम किया है. उस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को उजागर करने और आगे लाने का काम किया जाएगा.

 

तीन राज्यों के पिछड़े क्षेत्र पर काम करेगी पार्टी

पूरे देश की बात करते हैं तो कुपोषण, शिक्षा की बात करते हैं तो राजस्थान का डूंगरपुर बांसवाड़ा, मध्यप्रदेश का रतलाम और गुजरात का छोटू उदेपुर, अलीराजपुर वाला इलाका है पिछड़ा हुआ है. रोजगार का अभाव है. आजादी के इतने साल के बाद भी लेकिन कही भी विकास नहीं हुआ है. आदिवासी पार्टी इन सभी मुद्दों पर काम कर लोगो को आगे लाएगी.

 

इस क्षेत्र में एक बार बीजेपी तो एक बार कांग्रेस को बहुमत मिलता आया है. जिसे भी बहुमत मिला सरकार उसी की बनी. चाहे राजस्थान हो या मध्यप्रदेश. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने हमारी पार्टी से खौफ बना हुआ है. जब से हमारी विचारधारा आई है तब से दोनो एक होकर काम कर रही है. इसका उदाहरण डूंगरपुर विधानसभा का चुनाव है. यहां की जनता कांग्रेस और भाजपा को अलग नहीं, एक ही पार्टी मानती है. सभी को संदेश देना चाहते हैं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में जिसकी सरकार बनेगी. इसमें मुख्य भूमिका भारतीय आदिवासी पार्टी की होगी.

 

चुनाव ने यह रहेगी रणनीति

आने वाले चुनाव में रणनीति की बात कर तो यहां की जनता को संवैधानिक प्रावधान क्या है बताए जाएंगे. आरक्षण का ज्वलंत मुद्दा चल रहा है जिसमें दोनों पार्टियों ने कुठराघाट किया है. इसके बारे में लोगों को बताकर जागरूक किया जाएगा. दोनों पार्टियों ने 70 - 75 सालों में जो नुकसान किया है, सिर्फ वोट बैंक के रूप ने उपयोग किया है यह बताया जाएगा.