Rajasthan Election 2023: सरकारी डॉक्टर प्रत्याशी को चुनाव की इजाजत, हाईकोर्ट बोला, 'हार जाओ तो दोबारा नौकरी...'
Rajasthan Elections 2023: डॉक्टर घोघरा बीटीपी के टिकट पर डूंगरपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. सरकारी डॉक्टर को लेकर हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर चुनाव हार गए तो फिर से नौकरी ज्वॉइन कर लेना.
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में राजस्थान हाई कोर्ट ने एक सरकारी डॉक्टर को चुनव लड़ने की इजाजत दे दी है. डॉक्टर दीपक घोघरा (Dr. Deepak Ghogra) भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के उम्मीदवार हैं. वो डूंगरपुर सीट से चुनाव लड़ने वाले हैं. डॉ. दीपक घोघरा ने नामांकन दाखिल करने से पहले हाई कोर्ट की जोधपुर बेंच में एक याचिका दायर किया था. इस पर हाई कोर्ट की जोधपुर पीठ ने भी उन्हें चुनाव में हार जाने के बाद दोबारा नौकरी ज्वाइन करने की इजाजत दे दी है.
मेडिकल कॉलेज से जुड़े डूंगरपुर के सरकारी डॉ. दीपक घोघरा इस क्षेत्र में एक घरेलू नाम हैं क्योंकि उन्होंने अस्पताल में 10 साल से अधिक समय बिताया है. हाई कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में भाग लेने के उद्देश्य से याचिकाकर्ता को चिकित्सा अधिकारी के पद से मुक्त करने और याचिकाकर्ता को चुनाव लड़ने और चुनाव में भाग लेने की अनुमति देने का निर्देश दिया जा सकता है.
डाक्टर के नाते राजनीति में शामिल
डूंगरपुर जिला अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत डॉ. घोघरा ने कहा कि हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि अगर मैं चुनाव हार भी जाता हूं, तो मुझे फिर से नौकरी ज्वाइन करने की इजाजत दी जाएगा. डॉ. घोघरा चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. उन्होंने कहा कि आदिवासी इलाकों में चोरासी और सागवाड़ा से हमारे दो विधायक हैं. मैं बीटीपी की टिकट से यहां से चुनाव लड़ रहा हूं. क्योंकि पार्टी को यहां काफी पसंद किया जाता है. उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर होने के नाते मैं राजनीति में शामिल होना चाहता था क्योंकि यह वह क्षेत्र है, जहां हमें शिक्षित लोगों की जरूरत हैं.
डॉक्टर घोघरा को लोग बॉक्स मैन के नाम से भी जानते हैं
43 वर्षीय डॉक्टर,जिन्होंने आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर से स्त्री रोग में एमबीबीएस और पीजी की पढ़ाई की है. उन्होंने दावा किया कि 2014 में जिला अस्पताल में शामिल होने के बाद से उन्होंने 20,000 बच्चों का जन्म करवाया है. डूंगरपुर के लोग उन्हें बॉक्स मैन के नाम से जानते हैं. डॉ. घोघरा ने कहा कि मैंने ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों में बच्चों को पेंसिल, इरेजर और शार्पनर वाले 20000 से अधिक बक्स बांटे हैं. यही वजह है कि वे मुझे बॉक्स मैन कहते हैं. घोघरा डूंगरपुर जिले के पाल देवल घोघरा फला का रहने वाले हैं. डॉ. घोघरा ने कहा कि मैं चाहता हूं कि इस आदिवासी क्षेत्र के लोग शिक्षित हों, स्वस्थ जीवन पाएं और रोजगार के लिए उनके पास अच्छा अवसर हों लेकिन मेरा एजेंडा जंगलों को बचाना है क्योंकि जंगलों और प्रकृति के बिना जनजातियों का अस्तित्व मुश्किल है.
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