Rajasthan Election 2023: राजस्थान में BJP की जीत के पीछे संगठन महामंत्री रहे हीरो? पर्दे के पीछे रहकर बनाई ये रणनीति
Rajasthan Election Result: चंद्रशेखर ने प्रदेश में चुनाव से पहले नमो वॉलिंटियर्स बनाए और इन्होंने जमकर काम किया. इनके साथ ही बूथ प्रबंधन, शक्ति केंद्र और पन्ना प्रमुख पर इन्होंने काम किया है.
Rajasthan Politics: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के परिणाम आ गए हैं. इसमें बीजेपी को बड़ी जीत मिली है. अब उस जीत के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं, मगर एक शख्स ऐसा भी है, जिसने पर्दे के पीछे रहकर जीत की बड़ी रणनीति बनाई है. जीत की कहानी की पटकथा लिख डाली है. ऐसे में अब उनके नाम की चर्चा तेज हो गई है. पार्टी में कई बिंदुओं को लेकर उन्होंने मेहनत की और उसी पर काम किया है, जिसका नतीजा अब जीत के रूप में मिला है. राजस्थान में बीजेपी के संगठन महामंत्री चंद्रशेखर सितंबर 2017 से राजस्थान में काम कर रहे हैं. चंद्रशेखर आरएसएस के प्रचारक हैं और उनके प्रयासों से साल 2018 में लोकसभा चुनाव में पार्टी को बड़ी जीत मिली थी. इसके बाद अब विधानसभा चुनाव में उन्होंने पूरा पासा पलट दिया है.
बनारस से राजस्थान तक बस जीत ही जीत
चंद्रशेखर राजस्थान में आने से पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उससे पहले काशी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री रह चुके हैं. साल 2014 में चंद्रशेखर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कदम से कदम मिलाकर बनारस सीट को जीतने की बड़ी पटकथा लिखी थी. बनारस से मिली जीत के बाद अब राजस्थान में जीत ही जीत दिला रहे हैं. जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी का परचम लहराने वाले चंद्रेशखर को नरेंद्र मोदी, अमित शाह और बीजेपी संगठन ने राजस्थान में महामंत्री संगठन की जिम्मेदारी सौंपकर भेजा था. राजस्थान में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष कई बार चंद्रशेखर की पीठ थपथपा चुके हैं. अब उनके कंधे पर लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी भी है.
नमो वालिंटियर्स और बूथ प्रबंधन का दिखा कमाल
चंद्रशेखर ने प्रदेश में चुनाव से पहले नमो वालिंटियर्स बनाए और इन्होंने जमकर काम किया. पार्टी के सभी बड़े मौकों पर ये डटे रहे. इनके साथ ही साथ बूथ प्रबंधन, शक्ति केंद्र और पन्ना प्रमुख पर इन्होंने काम किया. जीत के पीछे जाति के आधार पर विस्तारकों की नियुक्ति आदि की बातें बेहद प्रमुख रही हैं. एक रणनीति यह भी बनी थी कि चेहरा नहीं संगठन चुनाव लड़े और कार्यकर्ता के हाथ में बड़ी ताकत दी गई थी. बूथ मंडल को बहुत मजबूत किया गया. शक्ति केंद्रों को पूरी तरह से फोकस किया गया. साथ ही बूथ, पेज और पन्ना फोटो युक्त कमेटी का पूरे प्रदेश में गठन किया. इन कमेटी की मदद से एक-एक विधानसभा में संगठन को नए सिरे से खड़ा किया. इसी नीति से केंद्र और प्रदेश बीजेपी ने लगातार पांच साल बूथ स्तर तक पार्टी कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखा है.
माइक्रो मैनेजमेंट की दिखी ताकत
संगठन महामंत्री चंद्रशेखर खुद मंडल से लेकर जिलास्तर के कार्यकर्ताओं, पन्ना प्रमुखों, विस्तारकों और प्रवासियों से सीधे संपर्क कर फीडबैक लेते रहे हैं. विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण के लिए उन्होंने जिला, मंडल और संभाग स्तर पर फीडबैक लिया और उसके बाद ही प्रत्याशी तय किए हैं. उन्होंने डिजिटल तंत्र को भी बूथ स्तर तक खड़ा किया, ताकि पार्टी की बात जन-जन तक पहुंच सके. इसके तहत फेसबुक पर पार्टी के पौने तीन मिलियन फॉलोअर्स हैं, जबकि ट्वीटर पर 9 लाख फॉलोअर्स हैं. पूरे प्रदेश में पार्टी के द्वारा 66 हजार वॉट्सएप ग्रुप संचालित हैं. इनके माध्यम से लाखों की संख्या में वॉट्सग्रुप बनाकर उसके माध्यम से लोगों को पार्टी से कनेक्ट कराया है.