Rajasthan Election 2023 Result: राजस्थान में राज बदला और कांग्रेस को हटाकर बीजेपी सत्ता में आ गई है. इस चुनाव में कई बड़े उलटफेर देखने को मिले. कई जगह दिग्गजों को हार का सामान करना पड़ा, जिनकी हार किसी ने सोची भी नहीं थी. ऐसा ही एक बड़ा उलटफेर मेवाड़ में भी देखने को मिला है. यहां बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी राजस्थान तो जीत गए, लेकिन खुद का घर नहीं बचा सके. प्रदेशाध्यक्ष ने सत्ता तो हासिल कर ली, लेकिन खुद के संसदीय क्षेत्र की दो विधानसभा सीट हार गए, जबकि इन दोनों सीटों को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. इसके बाद भी यहां बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा.
दरअसल, जिन दो विधानसभा सीटों की हम बात कर रहे हैं वह उदयपुर जिले की 8 विधानसभाओं में से एक मावली और चित्तौड़गढ़ जिले की चित्तौड़गढ़ शहर विधानसभा है. इन दोनों सीटों को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में 8 विधानसभा है, जिसमें चित्तौड़गढ़ और मावली विधानसभा भी आते हैं. यहां वर्तमान सांसद बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ही है. हालांकि, बाकी 6 विधानसभा में बीजेपी ने जीत हासिल की है.
क्या है दोनों विधानसभा में हार का कारण?
मावली विधानसभा में पिछले चुनाव में बीजेपी के धर्मनारायण जोशी यहां से विधायक बने थे. तब यहां पर कुलदीप सिंह चुंडावत ने बगावत दिखाई, लेकिन उन्हें बैठा दिया गया था. इस चुनाव में सबसे अंतिम प्रत्याशी को घोषणा मावली विधानसभा की ही रही. बीजेपी ने नामांकन की अंतिम तारीख से एक-दो दिन पहले यहां से कृष्णगोपाल पालीवाल को टिकट दिया. वहीं दावेदारी कर रहे बीजेपी नेता कुलदीप सिंह ने आरएलपी ज्वाइन कर ली. कुलदीप ने चुनाव में बीजेपी को भारी नुकसान पहुंचाया. 30 हजार से ज्यादा वोट कुलदीप को मिले. इससे बीजेपी करीब 1500 वोट से हार गई. अब चर्चा है कि, सीपी जोशी ने ही यहां प्रत्याशी का चयन किया था. बागियों को साधने और उनको समझने की अनदेखी करना भारी पड़ा.
चित्तौड़गढ़ इस चुनाव में मेवाड़ की सीट हॉट सीट रही. बीजेपी ने यहां से नरपत सिंह राजवी को प्रत्याशी बनाया तो दो बार से बीजेपी विधायक चंद्रभान सिंह आक्या बागी हो गए. उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा. सीपी जोशी का घर भी इसी विधानसभा इसी शहर में है. यहां चंद्रभान सिंह आक्या को तो बंपर वोट मिले और बीजेपी प्रत्याशी नरपत सिंह राजवी की जमानत जब्त हो गई. चर्चाओं में सीपी जोशी की यह सबसे बड़ी हार मानी जा रही है.