Rajasthan News : राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 में होने वाले है, लेकिन इसकी तैयारियां अभी से शुरू हो चुकी है. राजनीतिक दल अपने वोट बैंक को साधने और हाईकमान को संदेश देने के लिए कई तरह के नवाचार कर रहे हैं. वहीं इसी बीच बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अचानक भीष्म प्रतिज्ञा ली है और कहां है कि जब तक प्रदेश से गहलोत सरकार को उखाड़ नहीं फेंकेंगे, तब तक मैं एक ही वक्त खाना खाऊंगा.पूनिया की इस प्रतिज्ञा के बाद राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है.
कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिए पूनिया ने ली प्रतिज्ञा
सतीश पूनिया को अक्सर फूलों की मालाओं से लदा हुआ और सिर पर पगड़ी पहने हुए देखा गया है. फिलहाल पगड़ी का मोह सतीश पूनिया ने छोड़ दिया है. उन्होंने ने कहा कि अब में एक समय ही खाना खाऊंगा. गहलोत सरकार के खिलाफ संघर्ष करूंगा. बता दें कि कांग्रेस को सत्ता से उखाड़ फेंकने का ऐलान सतीश पूनिया ने राजस्थान में नहीं उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी किया है. जहां पर बीजेपी के दिग्गज चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतरे हुए हैं
सचिन पायलट ने भी ली थी प्रतिज्ञा
राजस्थान में इस तरह की भीष्म प्रतिज्ञा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने साल 2016 में ली थी. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के सत्ता में आने से पहले मैं पगड़ी नहीं पहनूंगा. इसके बाद साल 2018 में कांग्रेस सत्ता में आने के बाद पायलट ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ के साथ राजस्थानी साफा बांधा. पायलट ने जो संकल्प लिया था वो पूरा हुआ लेकिन पायलट मुख्यमंत्री नहीं बन पाए. कांग्रेस का एक वर्ग आज भी सचिन पायलट के प्रयासों को महत्व देता हैं. साथ ही उस दौरान कांग्रेस में सचिन पायलट का कद भी बढ़ गया था.
इन नेताओं ने साधा सतीश पूनिया पर निशाना
वहीं पूनिया की प्रतिज्ञा पर राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने तंज कसा और कहा कि पूनिया को लंबे समय तक भूखा रहना पड़ेगा. इधर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पूनिया के संकल्प पर निशाना साधा और कहा कि सतीश पूनिया को आजीवन भूखा रहना पड़ेगा.
अब सवाल ये है कि ऐसे संकल्प की जरूरत क्यों पड़ी?
राजस्थान बीजेपी में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर कई सारे चेहरों की होड़ लगी हुई है.जिनमें केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत. सांसद दीया कुमारी, लोकसभा सांसद ओम बिरला, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सतीश पूनिया, भूपेंद्र यादव का नाम शामिल हैं. हालांकि राजस्थान में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष को बदलने की भी चर्चाएं जोरों पर हैं. ऐसे में सतीश पूनिया ने संकल्प लेकर हाईकमान को यकीन दिलाना चाह रहे हैं कि अपनी कमान में वो पार्टी को 2023 में जीत दिला सकते हैं और सीएम गहलोत को सत्ता से बाहर कर सकते हैं.
इस साल पूरा होने वाला है सतीश पूनिया का कार्यकाल
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खेमे के द्वारा हाईकमान को कई बार संदेश दिया गया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सत्ता से बाहर सिर्फ वसुंधरा राजे ही कर सकती हैं. प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का कार्यकाल इस वर्ष पूरा हो रहा है और अगले वर्ष राजस्थान में चुनाव होने हैं. हालांकि अब ये हाईकमान ही तय करेगा कि प्रदेश अध्यक्ष को बदला जाए या नहीं.
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