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Rajasthan Election: राजस्थान की ऐसी विधानसभा सीट जहां 40 सालों में कांग्रेस- बीजेपी के अलावा किसी अन्य पार्टी को नहीं मिली जीत
Rajasthan Election 2023: कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी अशोक बैरवा ने वर्ष 1998 से लेकर 2008 तक विधानसभा के चुनाव में हैट्रिक लगाते हुए लगातार तीन बार जीत दर्ज की थी
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40 सालों में दो ही पार्टियों का रहा दबदबा
राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में चार विधानसभा सीट है गंगापुर सिटी ,सवाई माधोपुर ,बामनवास और खण्डार विधानसभा सीट है. राजस्थान की खण्डार विधानसभा सीट ऐसी सीट है जहां लगभग 40 वर्ष से कभी कांग्रेस और कभी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को खण्डार विधानसभा क्षेत्र की जनता ने विजयी बनाकर विधानसभा में भेजा है.
वर्ष 1972 से राजस्थान में 11 बार विधानसभा चुनाव हुए है. खण्डार विधानसभा सीट पर 11 बार विधानसभा के चुनाव में 6 बार कांग्रेस के प्रत्याशी ने जीत हासिल की है और 4 बार भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ने जीत हासिल की है एक बार वर्ष 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है.
कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी अशोक बैरवा ने वर्ष 1998 से लेकर 2008 तक विधानसभा के चुनाव में हैट्रिक लगाते हुए लगातार तीन बार जीत दर्ज की थी वर्ष 2013 के चुनाव चुनाव में अशोक बैरवा को बीजेपी प्रत्याशी जितेन्द्र कुमार गोठवाल ने हराया था लेकिन वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी अशोक कुमार ने बीजेपी प्रत्याशी जीतेन्द्र गोठवाल को हराकर वर्ष 2013 का हिसाब बराबर किया था.
वर्ष 1980 विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर जिले की खण्डार विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने चुन्नी लाल को अपना प्रत्याशी बनाया था. बीजेपी के प्रत्याशी चुन्नी लाल ने कांग्रेस प्रत्याशी बजरंग लाल को हराकर विधानसभा में पहुंचे थे. बीजेपी के प्रत्याशी चुन्नी लाल को कुल 15 हजार 35 वोट मिले थे तो दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी बजरंग लाल को कुल 11 हजार 665 वोट मिले थे.
वर्ष 1985 के चुनाव में कांग्रेस ने रामगोपाल सिसोदिया को अपना प्रत्याशी बनाया था. कांग्रेस प्रत्याशी राम गोपाल ने बीजेपी प्रत्याशी चुन्नीलाल को हराकर विधानसभा पहुंचे थे. कांग्रेस के प्रत्याशी राम गोपाल को कुल 22 हजार 133 वोट मिले थे तो दूसरे नंबर रहे बीजेपी के चुन्नीलाल को कुल 21 हजार 345 वोट मिले थे.
वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने चुन्नी लाल को ही टिकट देकर अपना प्रत्याशी बनाया था जबकि कांग्रेस पार्टी ने अपना प्रत्याशी गोपी नाथ को बनाया था. बीजेपी प्रत्याशी चुन्नी लाल कांग्रेस प्रत्याशी गोपी नाथ को हराकर विधानसभा पहुंचे. चुन्नी लाल को कुल 38 हजार 176 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस प्रत्याशी गोपी नाथ को कुल 21 हजार 597 वोट मिले थे.
वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने अपना नया प्रत्याशी बनाया . भारतीय जनता पार्टी ने हरी नारायण को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा तो कांग्रेस ने खिलाड़ी लाल को टिकट देकर अपना प्रत्याशी बनाया. विधानसभा 1993 के चुनाव में खंडार विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी हरी नारायण को क्षेत्र की जनता ने जिताकर विधायक बनाया. हरी नारायण के खिलाड़ी लाल को हराकर विधानसभा पहुंचे. हरी नारायण को कुल 31 हजार 194 वोट मिले तो दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस प्रत्यशी खिलाड़ी लाल को कुल 28 हजार 607 वोट मिले थे.
वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपना टिकट अशोक बैरवा को दिया और बीजेपी ने हरी नारायण पर ही दाव खेला . वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में खंडार विधानसभा की जनता ने कांग्रेस प्रत्याशी अशोक बैरवा को जिताकर विधानसभा में भेजा था. कांग्रे सके प्रत्याशी अशोक बैरवा ने बीजेपी प्रत्याशी हरी नारायण को हराया था .अस कुमार बैरवा को कुल 32 हजार 956 वोट मिले तो दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी प्रत्याशी हरी नारायण को कुल 15 हजार 999 वोट मिले थे.
वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में खंडार विधानसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी ने अपना प्रत्याशी अशोक बैरवा को ही बनाया था और बीजेपी ने भी अपना प्रत्याशी हरी नारायण को ही बनाया था लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी अशोक बैरवा ने फिर जीत हासिल की और बीजेपी के हरी नारायण को फिर हराया. अशोक बैरवा को कुल 31 हजार 294 वोट मिले तो दूसरे नंबर पर रहे हरी नारायण को कुल 31 हजार 122 वोट मिले थे.
वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में खंडार सीट पर कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी अशोक बैरवा को ही बनाया था और भारतीय जनता पार्टी ने भी अपना प्रत्याशी हरी नारायण को बनाया था . वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी अशोक बैरवा ने लगातार तीसरी बार चुनाव जीत कर जीत की हैट्रिक लगाई और बीजेपी प्रत्याशी हरी नारायण ने तीन बार लगातार चुनाव हार कर हार की हैट्रिक बनाई. वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में खंडार विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अशोक बैरवा को कुल 44 हजार 440 वोट मिले थे . तो दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी के हरी नारायण को कुल 33 हजार 808 वोट मिले थे .
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपना प्रत्याशी बदला और जितेंद्र गोठवाल को टिकट देकर खंडार विधानसभा सीट पर प्रत्याशी बनाया. कांग्रेस ने अपना टिकट इन बार के विधायक अशोक बैरवा को ही दिया. वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में खंडार विधानसभा क्षेत्र की जनता ने अपना विधायक बदला और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी जितेंद्र गोठवाल को जिताकर अपना विधायक बनाया. जितेंद्र गोठवाल ने कांग्रेस प्रत्याशी अशोक बैरवा को हराया. जितेंद्र गोठवाल को कुल 58 हजार 609 वोट मिले तो दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी अशोक बैरवा को कुल 39 हजार 267 वोट मिले थे.
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का भरतपुर संभाग से सूपड़ा साफ हो गया था. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में खंडार विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी अशोक बैरवा को ही बनाय और भारतीय जनता पार्टी ने भी अपना प्रत्याशी जितेंद्र गोठवाल को बनाया था. लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी अशोक बैरवा ने बीजेपी प्रत्याशी जितेंद्र गोठवाल को हराकर विधानसभा पहुंचे. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में खंडार विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अशोक बैरवा को कुल 89 हजार 28 वोट मिले थे तो दूसरे नबर पर रहे बीजेपी प्रत्याशी जितेंद्र गोठवल को कुल 61 हजार 79 मिले थे.
वर्ष 2023 का विधानसभा चुनाव कुछ महीनो के बाद होना है दो प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. पूर्वी राजस्थान के भरतपुर संभाग को फतह करने के लिए कांग्रेस और बीजेपी के राष्ट्रीय नेता रणनीति बनाने में लगे है की कैसे भरतपुर संभाग को फतह करना है. अब देखने वाली बात यह होगी की भरतपुर संभाग की जनता किसे चुनकर सत्ता की चाबी सोपती है.
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डॉ. अमित सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर
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