Rajasthan Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए अभी किसी भी दल ने सभी सीटों के लिए प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारे हैं. वहींं अब यादव समाज ने भी अपनी भागीदारी की मांग की है. भारतीय वर्षीय यादव महासभा के तत्वाधान में यादव समाज के प्रबुद्ध लोगों ने राजनीतिक भागीदारी के संदर्भ में विस्तृत चर्चा की गई. यादव महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष मदन यादव ने दोनों प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों द्वारा यादव समाज की टिकट वितरण में की गई उपेक्षा को लेकर आक्रोश प्रकट किया है.


इस दौरान उनका कहना था कि यादव समाज की कई सीटों पर बड़ा असर है. फिर भी उन्हें टिकट नहीं दिया जा रहा है. जबकि पहले दिया गया है. अभी तक मात्र तीन टिकट ही घोषित किये गए है. इसलिए अभी और टिकट दिए जाए वरना यादव समाज अपने हिसाब से मांग करेगा. 


इन सीटों पर है असर 


इस दौरान मदन यादव ने कहा कि राजनीतिक दलों कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी से यादव समाज बाहुल्य प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करवाने की स्थिति वाली सीटों पर टिकट देना होगा. जैसे झोटवाड़ा, चोमू, आमेर, विराट नगर, शाहपुरा, श्रीमाधोपुर, नीमकाथाना, कोटपूतली, बानसूर, बहरोड, मुंडावर, सूरजगढ़, तिजारा, कोटा, अजमेर, झालावाड़ इत्यादि सहित विधानसभा क्षेत्रों में से दोनों राजनीतिक पार्टियों कम से कम 10-10 यादव समाज के उम्मीदवार घोषित करना होगा. जिससे यादव समाज को उचित प्रतिनिधित्व मिले. 


2024 पर पड़ेगा असर 


युवा यादव महासभा के अध्यक्ष दिनेश यादव ने बताया कि इसके अलावा भी करीब 20 विधानसभा सीट ऐसी है जिन पर यादव समाज का मतदाता निर्णायक जीत करने में सक्षम है. दोनों राष्ट्रीय पार्टियों यादव समाज को उचित प्रतिनिधित्व देने की मांग है. उन्होंने कहा कि यादव समाज दोनों राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को  विधानसभा चुनाव 2023 में तथा आगे लोकसभा चुनाव 2024 में समाज की ताकत दिखाकर अपना अलग निर्णय लेने को मजबूर होगा. प्रबुद्ध लोगों में वीरेंद्र यादव, सुरेन्द्र यादव, शेर सिंह यादव ,महेश यादव, विकास यादव, करण यादव, सुनील यादव, सीताराम यादव, हरपाल यादव ,मनीष यादव, संजीव यादव, मदन यादव सहित लोगों ने अपनी मांग रखी है. 


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