Rajasthan Assembly Bypoll 2024: अलवर की रामगढ़ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए बिसात बिछ चुकी है. बीजेपी ने सुखवंत सिंह को प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस ने राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया है. दिवंगत विधायक जुबेर खान के पुत्र आर्यन रामगढ़ से उम्मीदावर बनाये गये हैं. उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच सीधी टक्कर होने की उम्मीद है. कांग्रेस प्रत्याशी आर्यन खान युवा और पढ़े लिखे नौजवान हैं.
बीजेपी प्रत्याशी सुखवंत सिंह की उम्र आर्यन से लगभग डबल है. सुखवंत को राजनीति में तीन चुनाव का अनुभव है. आर्यन पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. सुखवंत सिंह 2010 से राजनीति में एक्टिव हैं. लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति से प्रधान बनने के बाद बीजेपी में पूरी तरह सक्रिय हो गए. बीजेपी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में ज्ञानदेव आहूजा का टिकट काटकर प्रत्याशी बनाया था. कांग्रेस की सफिया खान से सुखवंत सिंह विधानसभा का चुनाव हार गए. 2023 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर बीजेपी से उन्होंने बगावत कर दी.
बीजेपी ने पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा के भतीजे जय आहूजा को टिकट दे दिया था. टिकट कटने से नाराज सुखवंत सिंह ने आजाद समाज पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ा. सहानुभूति और एससी एसटी का वोट मिलने के बावजूद सुखवंत सिंह करीब 74 हजार वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे. कांग्रेस प्रत्याशी जुबेर खान रामगढ़ का चुनाव जीतकर विधायक बने. बीजेपी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर सुखवंत सिंह को बाहर का रास्ता दिखा दिया.
सुखवंत सिंह बनाम आर्यन खान में कांटे की टक्कर
दो चुनाव हार चुके सुखवंत सिंह ने हिम्मत नहीं हारी. लोकसभा चुनावों में बीजेपी प्रत्याशी भूपेंद्र यादव ने सुखवंत सिंह की घर वापसी करायी. भूपेंद्र यादव अलवर से लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद और केंद्रीय मंत्री बन गये. अब अलवर जिले में बीजेपी की राजनीति भूपेंद्र यादव के इर्द गिर्द घूमती है. विधायक जुबेर खान के निधन से खाली हुई विधानसभा सीट पर रामगढ़ में उपचुनाव हो रहा है. रामगढ़ उपचुनाव में सुखवंत सिंह बीजेपी का टिकट लेने में बाजी मार गए.
दिलचस्प हुआ रामगढ़ में विधानसभा का उपचुनाव
उपचुनाव में भी बीजेपी को जय आहूजा से बगावत का डर था. बड़े नेताओं की मान मनौव्वल के बाद जय आहूजा ने सुखवंत सिंह को समर्थन देने का ऐलान किया. सुखवंत सिंह की नामांकन के दौरान हुई जनसभा में भारी भीड़ दिखाकर मुख्यमंत्री से लेकर भूपेंद्र यादव और मदन राठौड़ को दमखम दिखा दिया. कांग्रेस प्रत्याशी आर्यन पिता जुबेर खान और मां सफिया खान के चुनावों में एक्टिव रहे हैं. चुनाव प्रबंधन का सारा काम आर्यन के जिम्मे था. जुबेर खान की पकड़ मुस्लिम और हिंदू मतदाताओं के बीच रही है. काफी संख्या में जुबेर खान के हिंदू भी समर्थक रहे हैं.
यही वजह रही उन्होंने चार बार रामगढ़ का विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया. आर्यन की मां सफिया खान भी एक बार विधायक रह चुकी हैं. माना जा रहा है कि उपचुनाव में आर्यन को रामगढ़ से पिता की सहानुभूति मिलेगी. रामगढ़ उपचुनाव में आर्यन की मां और पूर्व विधायक सफिया खान प्रचार नहीं करेंगी. मुस्लिम समाज में शौहर के इंतकाल पर पत्नी को परंपरा का पालन करना पड़ता है. पत्नी 130 दिन तक घर पर रहती है. अब देखना होगा उपचुनाव में सुखवंत या आर्यन के नाम लौटरी लगती है.
(रिपोर्ट- जुगल गांधी)
विलुप्ति की कगार पर पहुंचे बस्टर्ड पक्षी को विज्ञान का वरदान, कृत्रिम गर्भाधान से चूजे का जन्म