Rajasthan Election 2023: वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत के करीबी को नहीं मिला टिकट, क्या है इस सीट का सियासी समीकरण?
Rajasthan Election: कोटा संभाग की 17 विधानसभा में से बीजेपी ने 8 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए, जबकि कांग्रेस ने केवल दो मंत्रियों को टिकट दिया है, बाकी मौजूदा विधायक और मंत्री तक को नजरअंदाज कर दिया.
Rajasthan Election 22023: राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी-अपनी लिस्ट में कुछ उम्मीदवार के नाम जारी कर दिए, लेकिन इसमें सबसे दिग्गज माने जाने वाले नेताओं को नजरअंदाज कर रखा है. इसके पीछे कहीं कांग्रेस के आला कमान की नाराजगी सामने आ रही है तो दूसरी तरफ बीजेपी की गुटबाजी हावी हो रही है. कोटा उत्तर विधानसभा सीट पर मुकाबला बेहद रोमांचकारी है और यहां अभी तक दोनों ही पार्टियों ने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है.
कोटा जिले की कोटा उत्तर विधानसभा सीट पर दो दिग्गज आमने सामने हैं. एक तरफ तो अशोक गहलोत के सबसे करीबी यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को दूसरी लिस्ट में जगह नहीं मिली. वहीं बीजेपी से इसी सीट पर पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल को अब तक प्रत्याशी नहीं बनाया गया है. गुंजल वसुंधरा राजे के सबसे करीबी माने जाते हैं. दोनों सीएम और पूर्व सीएम के खास हैं उसके बाद भी इस समय उदास चल रहे हैं.
मौजूदा विधायक को मिलेगा टिकट
कोटा संभाग की 17 विधानसभा में से बीजेपी ने आठ विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए, जबकि कांग्रेस ने केवल दो मंत्रियों को टिकट दिया है, बाकी मौजूदा विधायक और मंत्री तक को नजरअंदाज कर दिया. जबकि बीजेपी में भी वर्तमान विधायकों की बागडोर भी शीर्ष नेतृत्व के हाथ में है. यहां उम्मीद जताई जा रही है कि, टिकट तो मौजूदा विधायक को मिलेगा, लेकिन सीट बदल सकती है.
तीन बार से लाडपुरा से मुस्लिम प्रत्याशी
कोटा जिले में कांग्रेस पिछले तीन बार से लगातार एक ही परिवार को टिकट दे रही है. कांग्रेस यहां से दो बार नईमुद्दीन गुड्डू और एक बार उनकी पत्नी को टिकट दे चुकी है और तीनों बार यहां कांग्रेस हारी है, जबकि जातिगत समीकरण की बात करें तो कोटा उत्तर में सबसे अधिक मुस्लिम वोट हैं और यहां से यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल चुनाव लड़ते हैं. वह यहां दो बार जीते और एक बार उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस इस बार लाडपुरा से प्रत्याशी बदलेगी ऐसी अटकले लगाई जा रही है. वहीं कोटा दक्षिण, रामगंजमंडी, लाडपुरा और झालावाड की सभी चार सीटे बीजेपी के पास होने से यहां भी कांग्रेस को परेशानी आ रही है.