New Party Rajasthan: राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में महज 4 महीने का समय बचा है. ऐसे में अब कुछ नेताओं ने अपने दौरे तेज कर दिए हैं. इतना ही नहीं डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा सीट से बीटीपी विधायक राजकुमार रोत ने नई पार्टी का एलान कर दिया है. उन्होंने ABP live से खास बातचीत में बताया जल्द पूरी योजना जनता के सामने होगी. एक-दो दिन में सब कुछ साफ हो जाएगा.


राजकुमार रोत ने ये एलान तो कर दिया लेकिन वहां पर इसका क्या असर पड़ेगा? वहां पर आम लोग और चुनाव लड़ चुके नेता क्या मानते हैं ? उनकी राय भी कुछ अलग है. मगर चौरासी विधानसभा सीट से कांग्रेस की प्रत्याशी रह चुकी मंजूलता इसे कांग्रेस के लिए नुकसान मान रही हैं. उनका कहना है कि राजकुमार रोत को पुराने कांग्रेसियों का साथ मिला है. क्या है जमीनी हकीकत. 


कई प्रदेशों के युवाओं को जोड़ा जा रहा 


पिछले साल गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव में बीटीपी (भारतीय ट्राइबल पार्टी ) को कोई फायदा नहीं हुआ, बल्कि बड़ा नुकसान हुआ है. वहां पर आदिवासी वोटर्स ने बीजेपी को जीत दिला दी है. इसका असर राजस्थान में बीटीपी के दोनों विधायकों पर पड़ा है.


राजकुमार रोत की चौरासी विधानसभा सीट पर हर बार नया व्यक्ति चुनाव जीतता है. रोत ने भी मौक़ा देखकर अब नई पार्टी  भारतीय आदिवासी पार्टी का एलान कर दिया है. इतना ही नहीं आदिवासी सीटों पर कुल 15-17 पर चुनाव लड़ने की तैयारी भी शुरू कर दी है. 15 जुलाई को मानगढ़ धाम में भील प्रदेश महासम्मेलन भी राजकुमार रोत ने कराया है. उसके बाद नई पार्टी का एलान किया है. युवाओं को बड़ी संख्या में जोड़ा जा रहा है. कई प्रदेश महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और गुजरात के आदिवासी युवाओं को जोड़कर टीम बनाई जा रही है. 


विधानसभा के साथ लोकसभा पर भी नजर 


चौरासी विधानसभा सीट से दो बार बीजेपी के विधायक रहे सुशील कटारा का कहना है कि यह थोड़े समय के लिए ठीक है. लम्बे समय के लिए ठीक नहीं है. इसका असर कुछ सीटों पर हो सकता है, मगर इस सीट पर नहीं है. दूर के लोगों को लगता है कि यहां कुछ बेहतर हो रहा है. इसलिए यहां पर भीड़ दिख जा रही है. ये तैयारी लोकसभा के लिए हो रही है. वहीं कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी मंजूलता का कहना है कि इसका असर चौरासी विधान सभा सीट के साथ ही साथ अन्य सीटों पर भी पड़ेगा. क्योंकि राजकुमार रोत के साथ दिग्गज पुराने कांग्रेसी इनके साथ है. इसलिए आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए पूरी तैयारी है. 


ये हैं अनुसूचित जनजाति की प्रमुख सीटें 


राजकुमार रोत के दावे को अगर देखा जाये तो इन विधानसभा सीटों पर वो ताल ठोंक रहे हैं. उनका कहना है कि ये विधान सभा की सीटें उनके पास रह सकती हैं. इन सीटों पर कभी एकतरफा कांग्रेस का राज था. जानकारों की मानें तो इन सीटों पर राजकुमार के साथ जो काम कर रहे हैं ज्यादातर पुराने मजबूत कांग्रेसी ही है. इसलिए गोगूंदा, झाड़ोल, खेरवाड़, उदयपुर ग्रामीण, डुंगरपुर, सागवाड़ा, चौरासी, घाटोल, गढ़ी, बांसवाड़ा, बागीदोरा, कुशलगढ, पिंडवाड़ा आबू पर रोत मजबूती से दावा जता रहे हैं. 


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