Rajasthan Election Result 2023: राजस्थान में मतगणना पूरी होने बाद ये बात साफ हो गई कि विधानसभा चुनाव में इस बार भी रिवाज कायम रहेगी. बीजेपी ने बहुमत के आंकडे़ पार करते हुए पांच साल बाद दोबार राजस्थान की सत्ता में वापसी की है. कोटा संभाग में भी बीजेपी ने 17 में से 11 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर की, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 6 सीटों पर ही जीत हासिल करने में कामयाबी मिली. यहां पर कई सीटों पर तीसरे स्थान पर कहीं निर्दलीय प्रत्याशी रहे तो कई नोटा का टोटा देखने को मिला. वोटिंग के दौरान कई मतदाओं ने प्रत्याशियों को न चुनकर नोटा को वोट देना पसंद किया.
कोटा की 6 विधानसभा सीटों पर 10724 वोट नोटा को मिले. इन 6 विधानसभा में सर्वाधिक नोटा का प्रयोग कोटा की लाडपुरा विधानसभा सीट पर हुआ. जहां पर बीजेपी की कल्पना देवी और कांग्रेस से नईमुद्दीन गुड्डू चुनाव मैदान में थे. यहां बीजेपी को बड़ी जीत मिली है, यहां पर नोटा भी खूब चला और कुल 2440 लोगों ने नोटा को वोट दिया. कोटा की 6 में से 4 विधानसभा सीटें तो ऐसी हैं, जहां पर नोटा तीसरे स्थान पर रहा. इन सभी विधानसभा सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे. हालांकि ये प्रत्याशी नोटा के बराबर भी वोट हासिल नहीं कर पाए.
कोटा की सीटों पर नोटा का हाल
कोटा में 4 सीटों पर तीसरे नंबर पर नोटा रहा. 6 विधानसभा सीटों पर 10724 वोट नोटा को पड़े. कोटा उत्तर विधानसभा सीट से कुल 7 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. जिसमें प्रहलाद गुंजल को 92413, शांति धारीवाल को 94899 और नोटा को 1594 वोट मिले. इसी तरह कोटा दक्षिण विधानसभा सीट से 9 प्रत्याशी मैदान में थे. यहां से बीजेपी के संदीप शर्मा ने 95393, कांग्रेस की राखी गौत्तम को 83431 और नोटा को 1727 वोट मिले. लाडपुरा विधानसभा में कुल 8 प्रत्याशी मैदान थे. यहां से बीजेपी ने कांग्रेस करारी मात दी. बीजेपी प्रत्याशी कल्पना देवी को 121248 और कांग्रेस के नईमुद्दीन गुड्डू को 95726 वोट मिले, जबकि नोटा को 2440 वोट मिले.
रामगंजमंडी विधानसभा में कुल 5 प्रत्याशी थे. यहां से कांग्रेस प्रत्याशी महेन्द्र राजोरिया को 85082, बीजेपी के मदन दिलावर को 103504 वोट मिले. यहां से निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में ताल ठोक रहे भरत मरमट को सिर्फ 2387 और नोटा को 2019 वोट मिले. इसी तरह पीपल्दा विधानसभा में कुल 6 प्रत्याशी थे. जिसमें कांग्रेस के चेतन पटेल को 89281, बीजेपी के प्रेमचंद गोचर को 68276 और नोटा को 1624 वोट मिले. सांगोद विधानसभा से 6 प्रत्याशी चुनावी रण में थे. यहां पर भानुप्रताप सिंह को 67074 वोट मिले और बीजेपी के हीरालाल नागर को 92697 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया. इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रामवतार वर्मा को महज 1523 वोट मिले, प्रभुलाल को 1620 वोट मिले और नोटा को 1320 वोट मिले.
पहली बार 2013 में शुरू हुआ नोटा
भारतीय निर्वाचन आयोग ने दिसंबर 2013 के विधानसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में इनमें से कोई नहीं या नोटा बटन का विकल्प उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे. वोटों की गिनती के समय नोटा पर डाले गए वोट को भी गिना जाता है. नोटा में कितने लोगों ने वोट किया, इसका भी आंकलन किया जाता है. नोटा का मतलब 'नान ऑफ द एबव' यानी इनमें से कोई नहीं है. अब चुनाव में आपके पास एक विकल्प होता है कि आप 'इनमें से कोई नहीं' का बटन दबा सकते हैं. यह विकल्प है नोटा. इसे दबाने का मतलब यह है कि आपको चुनाव लड़ रहे कैंडिडेट में से कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है.
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