Rajasthan Election Results 2023 Reactions: राजस्थान के चुनावी नतीजे तीन दिसंबर को आ गए. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रदेश में जोरदार वापसी की है. राजस्थान में बीजेपी को 115 सीटें मिलीं. वहीं कांग्रेस (Congress) को 69 सीटें हासिल हुईं. इसी के साथ राजस्थान की जनता ने प्रदेश के अगले पांच सालों का भविष्य बीजेपी को सौंप दिया. वहीं नतीजों के बाद से अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ओएसडी रहे लोकेश शर्मा (Lokesh Sharma) ने उन पर निशाना साधा है और उनके नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं. अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने  कहा कि मैं नतीजों से आहत जरूर हूं, लेकिन अचंभित नहीं हूं. कांग्रेस पार्टी  निःसंदेह प्रदेश में  रिवाज बदल सकती थी, लेकिन अशोक गहलोत कभी कोई बदलाव नहीं चाहते थे.


उन्होंने कहा "यह कांग्रेस की नहीं बल्कि अशोक गहलोत की  शिकस्त है. गहलोत के चेहरे पर, उनको फ्री हैंड देकर और उनके नेतृत्व में पार्टी ने चुनाव लड़ा. उनके मुताबिक प्रत्येक सीट पर वो स्वयं चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन न उनका अनुभव चला और न जादू. हर बार की तरह कांग्रेस को उनकी योजनाओं के सहारे जीत नहीं मिली. यहां तक कि अथाह पिंक प्रचार भी काम नहीं आया. लोकेश शर्मा ने कहा तीसरी बार लगातार सीएम रहते हुए अशोक गहलोत ने पार्टी को फिर हाशिये पर लाकर खड़ा कर दिया. आज तक उन्होंने पार्टी से सिर्फ लिया ही लिया है, लेकिन कभी अपने रहते वो पार्टी की सत्ता में वापसी नहीं करवा पाए." लोकेश शर्मा ने  कहा कि अशोक गहलोत ने आलाकमान के साथ फरेब किया. ऊपर सही फीडबैक नहीं पहुंचने दिया. 



लोकेश शर्मा ने क्या कहा
लोकेश शर्मा ने  कहा कि अशोक गहलोत ने किसी को विकल्प तक नहीं बनने दिया. अपरिपक्व और अपने फायदे के लिए जुड़े लोगों से घिरे रहकर आत्ममुग्धता में लगातार गलत और आपाधापी में फैसले लिए. तमाम फीडबैक और सर्वे को दरकिनार कर अपनी मनमर्जी चलाई और अपने पसंदीदा प्रत्याशियों को ये जानते हुए भी टिकट दिलवाने की जीद की वो स्पष्ट रूप से हार रहे हैं. लोकेश शर्मा ने  कहा कि ये नतीजे तय थे. मैं स्वयं मुख्यमंत्री को यह पहले बता चुका था. कई बार आगाह कर चुका था, लेकिन उन्हें कोई ऐसी सलाह या व्यक्ति अपने साथ नहीं चाहिए था, जो उन्हें सच बताए. मैं छह महीने लगातार घूम-घूम कर राजस्थान के गांव-कस्बों में गया. जारों युवाओं के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किए. उन्होंने कहा कि मैंने लगभग 127 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया और उनकी ग्राउंड रिपोर्ट सीएम को लाकर दी. 


उन्होंने कहा कि मैनें जमीनी हकीकत को बिना लाग-लपेट उनके सामने रखा, ताकि समय पर सुधारात्मक कदम उठाते हुए फैसले किये जा सकें. जिससे पार्टी की वापसी सुनिश्चित हो. उन्होंने कहा कि  मैंने खुद भी चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी. पहले मैंने बीकानेर से लड़ने की इच्छा जाहिर की थी. उसके बाद मैंने अशोक गहलोत के कहने पर भीलवाड़ा से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई. लेकिन वो नया प्रयोग नहीं कर पाए. उन्होंने कहा कि मैनें  बीडी कल्ला को छह महिने पहले बता दिया था कि वो 20 हजार से ज्यादा मतों से चुनाव हारेंगे और वैसा ही हुआ. साथ ही उन्होंने कहा कि 25 सितंबर की घटना भी पूरी तरह से प्रायोजित थी, जब आलाकमान के खिलाफ विद्रोह कर उसकी अवमानना की गई. उसी दिन से खेल शुरू हो गया था. 


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