BJP Parivartan Yatra: उदयपुर संभाग और यहां के लोग कहते हैं, चुनाव आते ही पार्टियों को आदिवासी याद आ जाते हैं. उदाहरण भी देखिए, 30 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उदयपुर आए, 9 अगस्त को बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम राहुल गांधी आए और अब 3 सितंबर को अमित शाह आदिवासियों के आस्था के केंद्र बेणेश्वर आ रहे हैं.


गृहमंत्री के आने के पीछे कारण है बीजेपी को परिवर्तन यात्रा जो वागड़ के बेणेश्वर से निकलेगी. इसकी तैयारियां तेजी से चल रही है. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी राजस्थान चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी भी उदयपुर आए और यहां से बांसवाड़ा गए.


16 सीटों पर नजर और सभी आरक्षित, 70% जनजातीय लोग
राहुल गांधी की सभा हो या अमित शाह की परिवर्तन यात्रा, दोनों का आदिवासी क्षेत्र में आने का एक ही लक्ष्य है. यह लक्ष्य है मेवाड़ और वागड़ की 16 विधानसभा सीटें. यह वह सीटें हैं, जो एसटी आरक्षित हैं. इन सीटों पर 70% जनसंख्या जनजातीय है. यानी हार और जीत इन्हीं के हाथ में हैं. इसी कारण बीजेपी और कांग्रेस ही नहीं, भारतीय ट्राइबल पार्टी की नजर भी इन्हीं सीटों पर है. यह सीटें बांसवाड़ा में 5, डूंगरपुर में 4, प्रतापगढ़ में 2 और उदयपुर में 5 है.


बेणेश्वर से शुरू होगी परिवर्तन यात्रा
3 सितंबर को बेणेश्वर से परिवर्तन यात्रा को केंद्रीय मंत्री अमित शाह हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. यह बांसवाड़ा, फिर डूंगरपुर और फिर उदयपुर आएगी. प्रत्येक जिला स्तर पर बैठके आयोजित होगी. साथ हाई विधानसभा क्षेत्र में इसका स्वागत होगा. राजस्थान चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी ने जिलों को संयुक्त बैठक ली और यात्रा के बारे ने चर्चा की. 


क्या है बेणेश्वर धाम?
बांसवाड़ा का मानगढ़ धाम आदिवासियों के आस्था का केंद्र है तो बेणेश्वर धाम आदिवासियों का तीर्थ माना जाता है. तीन नदियों के बीच में एक टापू पर है. यहां एक मेला लगता है, को इसी साल फरवरी में लगा था. मेले में लाखों की संख्या में आदिवासी आते हैं. यहां सोम, माही और जाखम नदी का संगम होता है.


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