(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan Election 2023: मेवाड़ की 28 सीटों पर गृहमंत्री अमित शाह की नजर, कई मायनों में खास है 30 जून का दौरा
Rajasthan Elections 2023: उदयपुर में 30 जून को गृहमंत्री अमित शाह का दौरा है. इसको लेकर भाजपा हर स्तर की तैयारियों में जुटी हुई है. अमित शाह के इस दौरे में मेवाड़ की 28 सीटों के क्या मायने होंगे जानिए.
Amit Shah Mewasr Visit: राजस्थान में इसी वर्ष के अंत में है. ऐसे में राजनीतिक तपीश बढ़ रही है. कांग्रेस अपनी सरकार रिपीट करने तो बीजेपी सरकार बनाने के लिए हथकंडे अपना रही है. सीएम गहलोत योजनाओं का पिटारा खोल चुके हैं. वहीं अब बीजेपी के शीर्ष ने भी कमान अपने हाथ में ले ली है. इसी रूप में युवाओं में जोश भरने और पार्टी की जमीन को मजबूत करने के लिए उदयपुर में 30 जून को अमित शाह का दौरा होने जा रहा है. इस दौरे में उदयपुर शहर के गांधी ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करेंगे. यह सभा कई मायनों में खास होगी. इसके लिए बीजेपी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं और किस विधानसभा से कितने लोग आएंगे यह तय भी कर दिया है. जानते हैं अमित शाह का दौरा क्यों है खास.
राजनीति गलियारों ने सत्ता तक पहुंचने की चाबी है मेवाड़
राजस्थान में 200 विधानसभा सीटों में से मेवाड़ की 28 सीटें काफी महत्वपूर्ण होती है. कहा जाता है कि मेवाड़ में जिस पार्टी ने विजय प्राप्त की, सत्ता उसी की होती है. सिर्फ पिछले चुनाव को छोड़ दिया जाए, क्योंकि यहां पिछले चुनाव में बीजेपी बढ़त में थी. फिर भी कांग्रेस ने अपनी सरकार बना ली. मेवाड़ इतना महत्वपूर्ण है इसके उदाहरण में यह है कि पीएम नरेंद्र मोदी खुद दो दौरे कर चुके हैं. पहले आदिवासियों के आस्था का केंद्र मानगढ़ धाम ने सभा हुई तो फिर राजसमन्द जिले में श्री नाथ की नगरी नाथद्वारा में सभा हुई. अब अमित शाह का दौरा है. यानी बीजेपी के शीर्ष के नेता यहीं से शंखनाद कर रहे हैं. अमित शाह का यह दौरा भी उसी चाबी के लिए शंखनाद करेंगे.
सीएम गहलोत के ताबड़तोड़ दौरे, भरपाई के लिये केंद्र की कमान
राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हैं कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वन मैन आर्मी की तरह दौरे पर दौरे किये जा रहे हैं. उनके अलावा कोई बड़ा चेहरा नहीं है. खासकर वह लगातार मेवाड़ आ रहे हैं. एक-एक कर कई मुख्य विधानसभा क्षेत्र को कवर कर रहे हैं और वहां लोगों की लंबे समय से चल रही मांग को पूरी करने के लिए हाथों हाथ घोषणा कर रहे हैं. वहीं बीजेपी की बात करें तो यहां जिला स्तर पर ही सामान्य प्रदर्शन और पार्टी की सभाएं हो रही हैं. सीएम गहलोत के लगातार दौरे का जवाब देने और भरपाई के लिए केंद्र ने कमान संभाली जिसमें गृहमंत्री अमित शाह का दौरा होगा.
महामहिम कटारिया के जाने के बाद भाजपा के ओएस चेहरा नहीं, शीर्ष से कमी हो सकती दूर
मेवाड़ में कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है. यहां तक कि मेवाड़ की प्रमुख सीट उदयपुर में ना शहर और ना देहात में कांग्रेस के पास जिलाध्यक्ष है. यही हाल लगभग पूरे मेवाड़ के है. सिर्फ राजसमन्द जिले ने जिलाध्यक्ष नियुक्त हुआ है. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लंबे समय से कमान संभाल रखी है. वह खुद यहां लगातार आ रहे हैं. अब यहीं हाल भाजपा का हो गया है. असम के महामहिम गुलाब चंद कटारिया के जाने के बाद बीजेपी एक तरह से कमजोर हो गई है. मेवाड़ में कोई प्रमुख चेहरा नहीं बच पाया है. चर्चाएं है कि अमित शाह अपने इस दौरे ने भाजपा जे इस चेहरे की कमी पूरी कर सकते हैं.
अभी मेवाड़ में बीजेपी लीड में, लेकिन 2013 की स्थिति की है चाहत
मेवाड़ की 28 सीटों की स्थिति की देखे तो वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की 15 और कांग्रेस को 10 सीटें मिली थीं. इन आकड़ों के अनुसार देखा जाए तो बीजेपी विजय और कांग्रेस की हार है. वहीं वर्ष 2013 के विधानसभा बीजेपी ने 28 में से 25 सीटों पर विजय मिली थी और कांग्रेस 2 पर ही सिमट गई. एक निर्दलीय थे. अब बीजेपी चाहती है कि वर्ष 2013 जैसी स्थिति लानी है, जिसमें बीजेपी के शीर्ष का योगदान रहेगा.