Arvind Kejriwal in Rajasthan: राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के बयान ने राज्य की राजनीति में बवाल मचा दिया है. दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने कुछ ऐसे बयान दिए जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई. इतना ही नहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अब पंजाब के जरिए राजस्थान में एंट्री की तैयारी कर रहे हैं. यही वजह है कि यहां केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी चुनावी हुंकार के लिए राजस्थान पहुंचे. 


आम आदमी पार्टी के प्लान को ऐसे समझा जा सकता है कि रविवार को अरविंज केजरीवाल ने चुनावी आगाज के लिए श्रीगंगानगर को चुना. राजस्थान के श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ का इलाका पंजाब से लगता है और इन दोनों जिलों में पंजाब समुदाय के लोग अच्छी संख्या में हैं. ऐसे में पंजाब में आप सरकार द्वारा चलाई जा रहीं योजनाओं का हवाला देते हुए राजस्थान की जनता को लुभाने की कोशिश की जा सकती है. यही वजह है कि पंजाब सीएम भगवंत मान भी राजस्थान आए. 


परसेप्शन बनाने के लिए सचिना पायलट के नाम का इस्तेमाल?
वहीं, श्रीगंगानगगर में जनसंबोधन के दौरान अरविंद केजरीवाल ने राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पायलट रो-रो के मर गए, लेकिन अशोक गहलोत ने वसुंधरा राजे पर लगे आरोपों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की. दरअसल, अरविंद केजरीवाल सचिन पायलट का नाम लेते हुए दोनों बड़ी पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस को टारगेट करना चाहते हैं. मालूम हो, कुछ समय पहले ही पायलट ने तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार में कथित तौर पर हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन किया था, जिसको जरिया बनाते हुए अब अरविंद केजरीवाल अपनी रणनीति बना रहे हैं. सचिन पायलट के जरिए अरविंद केजरीवाल यह परसेप्शन क्रिएट करने चाहते हैं कि न ही बीजेपी सरकार और न ही कांग्रेस सरकार राजस्थान के लिए अच्छी है. यानी अरविंद केजरीवाल परसेप्शन बनाने के लिए पायलट के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं.


सचिन पायलट का अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन
मालूम हो मई 2023 में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ आंदोलन किया और कई विधायकों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार को नोटिस दिया कि इस महीने तक अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा. इसके बाद राजस्थान पेपर लीक मामले के खिलाफ आवाज उठाते हुए  उन्होंने पांच दिन जन संघर्ष यात्रा निकाली.


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